आकाशवाणी के कार्यक्रम बंद, संस्कृति विभाग से मिली मदद
भारत भवन संस्कृति विभाग में अहिल्या देवी पुरुस्कार की जूरी मेंबर व लोक गायिका उर्मिला पांडेय ने बताया कि जिले के 200 कलाकारों के वीडियो कोरोना संकटकाल में संस्कृति विभाग को भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि राजेश तिवारी की मदद से लोक कलाकार अपनी कला का वीडियो बना रहे हैं। जिन्हें संस्कृति विभाग भेजा जा रहा है। इन वीडियो के बदले कलाकारों को उनके खाते में मानदेय दिया गया है। आकाशवाणी के कार्यक्रम बंद होने से स्थानीय कलाकारों की आमदनी बंद होने से वे परेशान थे। लेकिन संस्कृति विभाग की पहल से अब कलाकारों को मदद मिल रही है।
भारत भवन संस्कृति विभाग में अहिल्या देवी पुरुस्कार की जूरी मेंबर व लोक गायिका उर्मिला पांडेय ने बताया कि जिले के 200 कलाकारों के वीडियो कोरोना संकटकाल में संस्कृति विभाग को भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि राजेश तिवारी की मदद से लोक कलाकार अपनी कला का वीडियो बना रहे हैं। जिन्हें संस्कृति विभाग भेजा जा रहा है। इन वीडियो के बदले कलाकारों को उनके खाते में मानदेय दिया गया है। आकाशवाणी के कार्यक्रम बंद होने से स्थानीय कलाकारों की आमदनी बंद होने से वे परेशान थे। लेकिन संस्कृति विभाग की पहल से अब कलाकारों को मदद मिल रही है।
4 से 5 मिनट के वीडियो हो रहे शेयर
उर्मिला पांडेय ने बताया कि संस्कृति विभाग प्रत्येक जिले के कलाकारों से 4 से 5 मिनट का वीडियो आमंत्रित कर रहा है। वीडियो के हिसाब से ही उन्हें भुगतान किया जा रहा है। छतरपुर जिले में लोक कलाकारों को व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए जोड़ा गया है। इसी ग्रुप में कलाकार अपने वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिन्हें संस्कृति विभाग तक पहुंचाया जा रहा है।
उर्मिला पांडेय ने बताया कि संस्कृति विभाग प्रत्येक जिले के कलाकारों से 4 से 5 मिनट का वीडियो आमंत्रित कर रहा है। वीडियो के हिसाब से ही उन्हें भुगतान किया जा रहा है। छतरपुर जिले में लोक कलाकारों को व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए जोड़ा गया है। इसी ग्रुप में कलाकार अपने वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिन्हें संस्कृति विभाग तक पहुंचाया जा रहा है।
केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय से नहीं मिली मदद
उर्मिला पांडेय ने बताया कि जिले के छोटे-छोटे कलाकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आने पर केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल से कलाकारों की मदद के लिए आग्रह किया गया था। लेकिन केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा अब तक कोई मदद नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री बुंदेलखंड के सांसद है, इसलिए बुंदेली संस्कृति व कला को जीवित रखने वाले कलाकार उनसे उम्मीद लगाए हुए हैं।
उर्मिला पांडेय ने बताया कि जिले के छोटे-छोटे कलाकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आने पर केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल से कलाकारों की मदद के लिए आग्रह किया गया था। लेकिन केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा अब तक कोई मदद नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री बुंदेलखंड के सांसद है, इसलिए बुंदेली संस्कृति व कला को जीवित रखने वाले कलाकार उनसे उम्मीद लगाए हुए हैं।