ओलावृष्टि या अतिवृष्टि से जिले में फसलों को हुए नुकसान का अब वास्तविक आंकलन किया जा रहा है। फसलवार व रकवावार नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। राजस्व विभाग के पास खसरा व रकवा का डाटा उपलब्ध है। सर्वेक्षण के बाद तहसीलदार स्तर पर डाटा को कंपाइल किया जाएगा। जिससे नुकसान के एरिया का पता चलेगा। फसलों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए बड़े रकबे में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा संयुक्त टीम भी खातेदारों की अलग अलग रिपोर्ट तैयार कर रही है। छोटे रकबे के लिए पटवारियों को गिरदावली के अनुसार मौके पर जाकर सर्वे रिपोर्ट बनाने का काम दिया गया है।
बीते दिनों हुई ओलावृष्टि से जिले के नौगांव तहसील के हरपालपुर इलाके के एक दर्जन गांव, नौगांव से छतरपुर के बीच एक दर्जन गांव, छतरपुर ब्लॉक के दो दर्जन गांव में ओला व अति वृष्टि से फसलें चौपट हो गई। वहीं छतरपुर से बड़ामलहरा और बड़ामलहरा से बकस्वाहा के बीच ओला की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। बड़ामलहरा व बकस्वाहा के दो दर्जन से अधिक गांवों में फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। ओला वृष्टि से खड़ी फसलें टूट गई। वहीं बिजावर ब्लॉक के पिपट पनागर में पान के बरेजे धराशाई हो गए। जिससे किसानों की रबी फसल पर बड़ी चोट लगी है।
इनका कहना है
प्रशासन की टीम द्वारा प्रांरभिक सर्वे किया गया है। मौके पर जाकर देखने पर 132 गांवों में नुकसान नजर आया है। नजरी सर्वे के बाद अब डिटेल सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार होने पर नुकसान का वास्तिविक पता चलेगा।