ऑफिस- दादी की रसोई
बिटिया का नाम- अराध्या खरे
पिता का नाम- विपिन खरे (संचालक)
पापा दादी की रसोई नाम से भोजनालय संचालित करते हैं। लोगों को घर जैसा भोजन बनाकर खिलाने के लिए काफी मेहनत करते हैं। पापा किस तरह से दादी के हाथ से बने खाना की तरह ही स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं, ये देखने के लिए मैं आई। पापा को देखकर मुझे भी स्वादिष्ट खाना बनाने की इक्छा हो रही है। –अराध्या खरे
ऑफिस- समाजसेवी का घर
बिटिया का नाम- डॉली सक्सेना
पिता का नाम- रामकुमार सक्सेना(समाजसेवी)
मेरे पापा समाजसेवी है। पापा जिस तरह से समाज सेवा करते हैं और लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। पापा किस तरह जनसेवा करते हैं, ये जानकर मुझे बहुत खुशी हुई,मैं भी बड़े होकर पापा की तरह जनसेवा करुंगी। लोगों की मदद करके पापा को खुशी मिलती है। – डॉली सक्सेना
ऑफिस- शॉर्ट फिल्म शूटिंग स्थल
बिटिया का नाम- यशशवी राय
पिता का नाम- मनीष राय (कॉस्ंिटग डायरेक्टर)
मेरे पापा शॉर्ट फिल्म में कॉस्टिंग डायरेक्टर हैं। आज मैं पापा के साथ शूटिंग पर आई, मैने देखा कि पापा किस तरह से शाॉर्ट फिल्म बनाते हैं। पर्दे पर दिखने वाली फिल्म बनाने में बहुत मेहनत लगती है। लेकिन जब फिल्म बन जाती है, तो बहुत अच्छा लगता है। मैं भी पापा की तरह ही फिल्म बनाउंगी। -यशशवी राय
ऑफिस- प्लॉटिंग स्थल
बिटिया का नाम-स्वस्ति दुबे
पिता का नाम- पारस दुबे (रियल स्टेट कारोबारी)
पापा लोगों की पसंद का धर बनाने के लिए प्लांटिंग का काम करते हैं। आज मैने पापा के साथ जाकर प्लांटिंग देखी, पापा ने बताया कि किसी जमीन की प्लांटिंग कैसे की जाती है। प्लाटिंग करते समय दिशा का ध्यान कैसे रखा जाता है। मैं बड़ी होकर पापा के काम में मदद करुंगी।–स्वस्ति दुबे