खजुराहो मौसम केन्द्र के प्रभारी आरएस परिहार ने बताया कि एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) कर्नाटक से गुजरात होकर महाराष्ट्र तक बनी हुई है। इन दो सिस्टम के कारण हवाओं का रुख बदला हुआ है। साथ ही अरब सागर में एक चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण मिल रही नमी से अधिकांश स्थानों पर बादल बने हुए हैं। इससे कही-कहीं बरसात भी हो रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह 6 बजे दृश्यता 50 मीटर थी, जो इस सीजन में सबसे कम रही। सुबह 8 बजे दृश्यता 500 मीटर और दोपहर में 2000 मीटर तक रही। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कोहरा और घना होने का पूर्वानुमान है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं। जिले में बादल छाए रहने के साथ बीच-बीच में बूंदाबांदी होती रहेगी। फिर दो दिन बाद पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बड़ जाने पर 11 जनवरी से बादल छंटने का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। साथ ही हवा का रुख भी बदलकर उत्तरी होने के आसार है। इससे न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला शुरू होने लगेगा।