दिन का तापमान 30 डिग्री पहुंचा, फसल को झुलसने से बचाने के लिए हल्की सिंचाई की सलाह
बेलवाली सब्जियों की बोबनी के लिए बताया अनुकूल समय
तापमान बढऩे पर चना-मचर में इल्ली का भी खतरा

छतरपुर। पिछले दो दिन से दिन का तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच रहा है। जबकि रात का तापमान 10 डिग्री के आसपास बना हुआ है। दिन में तेज धूप होने से गेहूं व आलू की फसल झुलसने की संभावना बन रही है। कृषि विभाग ने फसल को झुलसने से बचाने के लिए हल्की सिंचाई की सलाह दी है। इसके साथ ही फसलों से खरपतवार निकालने की भी सलाह दी गई है। वहीं, वर्तमान मौसम में बेलवाली सब्जियों जैसे- कद्दू, लौकी, खीरा, टिण्डा इत्यादि की बोबनी की सलाह दी है।
मौसम में फिर हो सकता है बदलाव
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के उपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है। जिससे 15 फरवरी से मध्यप्रदेश में पूर्वी हवाओं का ट्रफ बनने जा रहा है। इससे बंगाल की खाड़ी से नमी आने के चलते बादल छाने लगेंगे। इससे गरज चमक के साथ 19 फरवरी तक सागर, चंबल और ग्वालियर संभाग में कहीं कहीं बारिश हो सकती है। इससे तापमान में एक बार फिर हल्की गिरावट आने की संभावना है।
फसलों में इन बीमारियों का ऐसे करे इलाज
मटर की फसल में पाउडरी मिल्डयू (भभूतिया रोग) रोग लगने की संभावना रहती है। इसके पाए जाने पर बचाव हेतु सल्फर पाउडर दवा की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर आसमान साफ रहने पर ही छिड़काव करें। अगर सरसों सरसों की फसल में मांहू का प्रकोप नजर आए तो बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड दवा 1.0 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर, आसमान साफ रहने पर ही छिड़काव करें। चना तथा मटर की फसल में इल्ली की सक्रीयता बढ़ सकती है। एक पौघे पर जब 2 से 3 इल्लियां दिखाई देने लगे तो इसके नियत्रण हेतु फ्लूबेंडीमाइट 39.35: एससी दवा की 100 ग्राम अथवा इमामेक्टिन बैन्जोएट 5 एसजी 250 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आसमान साफ रहने पर ही छिड़काव करना चाहिए। बैंगन में फलछेदक कीट का प्रकोप देखा जा रहा है, इससे बचाव हेतु क्वनालफास 25 ईसी दवा की 2.0 मिलीलीटर मात्रा 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें एवं सात दिनों तक सब्जी न तोड़े।
टमाटर और प्याज की बोबनी का समय
टमाटर,प्याज, बैगन, मिर्च तथा गोभी की तैयार पौध को मुख्य खेतों में रोपाई करने का सही मौसम है। लेकिन रोपाई के बाद हल्की सिंचाई भी करना होगी। इसके साथ ही वर्तमान मौसम बेलवाली सब्जियों जैसे- कद्दू, लौकी, खीरा, टिण्डा इत्यादि की बोबनी के लिए भी सही समय है। आलू की फसल में पत्ती झुलसा रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। टेबुकोनाजोल 1.0 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी में धोल बनाकर आसमान साफ रहने पर ही छिड़काव करने से फसल रोग से बचेगी। आम के पौधें में फूल आने का समय है, फूल का रस चुसने वाले कीड़ो का प्रकोप पाये जाने पर बचाव हेतु डाईक्लोरोवास 76 प्रतिशत दवा की 2.0 मिली 1 लीटर पानी में धोल बनाकर एक छिड़काव करना चाहिए।
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