दो दिन में मजदूर सहित दो की करंट से मौत, नहीं थम रहे हादसे
बिजली के तार बन रहे मौत का कारण, अब तक कई पशुओं की भी हो चुकी मौत

छतरपुर। शहर में बिजली के खंभों से निकले तार लोगों को अपनी मौत की आगोश में ले रहे है। लेकिन बिजली विभाग के बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। एक महीने के अंदर करीब आधा दर्जन मौत खंभे व हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने के कारण हो चुकी है। लेकिन फिर भी सबक नहीं लिया जा रहा है। पिछले दो दिन में ही हाईटेंशन लाइन की चपेट में दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं आए दिन बेजुवान मवेशी भी मौत का शिकार हो रहे हैं। कई घरों के ऊपर खंभे के तार निकले हुए है। जो तार छतों पर मौत बनकर झूल रहे है। जिनकी चपेट में आने से मौत की आगोश में समा रहे है। बरसात के मौसम में तेज हवाओं से तार जमीनों पर फैलने से मवेशियों की मौत हो चुकी है। वहीं कई स्थानों पर खंभे लोगों की छत पर तार टूटकर गिर रहे है। पिछले हफ्ते सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सिमरिया में दो किशोरों की घर की आंगन में बैठे हुए थे। तभी बिजली की तार की चपेट में आ जाने से दोनों की मौत हो गई थी।
सोमवार की सुबह बालाजीपुरम में एक मजदूर जब वह खप्पर छाप रहा था। तभी ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। वहीं रविवार की दोपहर नौगांव थाना क्षेत्र के मडऱका निवासी दयाराम (३६) पिता हल्के पटेल करंट की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। कई स्थानों पर बिजली करंट से घायल हो गए है। जिनमें अनुज (१४) पिता गोविंद्र गुप्ता निवासी सरानी दरवाजा शामिल है। बिजली विभाग द्वारा खुले पड़े तारों को देखकर भी अनदेखी की जा रही है। उनके द्वारा कई दिनों तक तार रास्तों में पड़े रहते है। लेकिन इन्हें रास्तों से हटवाया तक नहीं जा रहा है। घरों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन लोगों की मौत का कारण बन रही है। शहर के सौरा रोड निवासी आकाश खरे ने बताया कि उसके घर पर खंभा गिर कर मकान पर गिर गया। जिससे करंट आता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी उसे सुधरवाया नहीं गया। जिससे आए दिन हादसों का भय बना रहता है।
इनका कहना है:
बिजली विभाग द्वारा पूरे नियम से खंभे लगाए जाते है। यदि मकान से खंभे निकाले जा रहे है। तो बिजली के तारों को इसकी शिफ्ट कराए। बरसात में हवा चलने से तार गिर जाते है। जिन्हें सुधरवाया जाता है।
एसके गुप्ता, कार्यपालन यंत्री बिजली विभाग
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