scriptजानराय टौरिया के महंत श्रंगारी महाराज की जांच की मांग | Demand for investigation of Mahant Shringari Maharaj of Janrai Tauria | Patrika News

जानराय टौरिया के महंत श्रंगारी महाराज की जांच की मांग

locationछतरपुरPublished: Jun 14, 2021 08:41:25 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

आशुतोष ब्रह्मचारी व अन्य साधुओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए गंभीर आरोपमंदिर की जमीन हड़पने के लिए साजिश रचने के लगाए आरोप

 प्रेस कांफ्रेंस में जांच कराने की मांग उठाई

प्रेस कांफ्रेंस में जांच कराने की मांग उठाई

छतरपुर। पिछले एक सप्ताह से छतरपुर जिले में मंदिरों की संपत्ति के लिए चल रहे विवाद के बीच गढ़ीमलहरा के मलका के बालाजी मंदिर के महंत आशुतोष ब्रह्मचारी ने जानराय टौरिया के महंत श्रंगारी महाराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में आशुतोष ब्रह्मचारी ने जानराय टौरिया के महंत श्रंगारी महाराज की जांच कराने की मांग उठाई। स्वयं को ब्रह्मचारी बताते हुए ग्राम मलका के बालाजी मंदिर में महंती देख रहे आशुतोष ब्रह्मचारी कहते हैं कि वे शैव सम्प्रदाय के साधु हैं। उनके चाचा अनिल महाराज काफी समय से मलका में देखरेख करते रहे। इसके बाद उन्हें वैधानिक रूप से महंती मिली थी। आशुतोष ब्रह्मचारी के मुताबिक मलका की 102 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए जानराय टौरिया के महंत उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन मङ्क्षदरों में जमीनें हैं उन मंदिरों को जानराय टौरिया के महंत अपने अखाड़े का मंदिर बताकर गुण्डों के माध्यम से कब्जा करा लेते हैं और फिर अपने हिसाब से महंती देते हैं। मलका की जमीन पर भी जानराय टौरिया के महंत की नजर है इसीलिए सारा विवाद उपजा है।
सेामवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में सागर जिले के बण्डा में स्थित देवजानकी रमण मंदिर गोराखुर्द के ट्रस्टी अनिल गुर्जर सामने आए। अनिल गुर्जर आशाराम बापू शिष्य मंडल के भी सदस्य हैं। उन्होंने श्रंगारी महाराज पर आरोप लगाए कि गोराखुर्द की करोड़ों रूपए की जमीन पर अखाड़े के नाम पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है। वहीं श्रंगारी महाराज ने अनिल गुर्जर पर आरोप लगाए हैं कि अनिल गुर्जर ने देवजानकी मंदिर के मूल महंत 107 वर्षीय रामबालक दास को धोखे में रखकर उनसे मुख्त्यारनामा बनवाकर जमीन पर कब्जा कर लिया है।
इस प्रेस कांफ्रेंस में छतरपुर के संकट मोचन मंदिर के पूर्व महंत रामदास महाराज भी सामने आए। रामदास महाराज पर दुष्कर्म का एक मुकदमा विचाराधीन है जिसमें वे जमानत पर है। एक महिला को मंदिर में रखकर रेप के आरोप सामने आने के बाद जब उनकी गिरफ्तारी हुई तब उन्हें श्रंगारी महाराज निर्मोही अखाड़ा के द्वारा मंदिर की महंती से बेदखल कर दूसरे व्यक्ति को महंत बनाया गया था। अब रामदास कहते हंै कि श्रंगारी महाराज ने ही उनके विरूद्ध दुष्कर्म के मुकदमे की साजिश रचवाई थी ताकि संकट मोचन मंदिर की 65 एकड़ से अधिक जमीन पर श्रंगारी महाराज कब्जा कर सकें।
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