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जिला शिक्षा अधिकारी ने नहीं भेजे नाम, खाली रह गई बीएड की सीटें

locationछतरपुरPublished: Aug 22, 2019 06:07:51 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

सागर संभाग का एक मात्र शासकीय बीएड कॉलेज है छतरपुर मेंसंभाग के सभी जिलों के शिक्षक पढ़ेंगे लेकिन छतरपुर के शिक्षक कर दिए गए वंचित

The teachers of Chhatarpur were deprived

The teachers of Chhatarpur were deprived

छतरपुर। शासकीय स्कूलों के शिक्षकों की शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार बीएड, एमएड की पढ़ाई करवाती है। इसके लिए सागर संभाग में एक मात्र बीएड कॉलेज छतरपुर में है। लेकिन इस बार इस कॉलेज की 47 सीटें खाली रह गई हैं। क्योंकि छतरपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने बीएड के लिए 55 शिक्षकों के आवेदन तो मंगा लिए, पर उनके नाम बीएड कॉलेज में एडमिशन के लिए नहीं भेजे। छतरपुर के कॉलेज में सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ के शिक्षकों को बीएड कोर्स में एडमीशन दिए गए हैं। लेकिन छतरपुर के शिक्षकों के जिला शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण लेने से वंचित कर दिया है। छतरपुर के कॉलेज में छतरपुर जिले के ही शिक्षक पढ़ाई नहीं कर सकेंगे।
आवेदन मंगाए, नहीं भेजी लिस्ट :
शिक्षकों को बीएड कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने 14 अगस्त तक जिलेभर के शिक्षकों से संकुल प्राचार्य की परमीशन सहित आवेदन मंगाए। जिले से 55 शिक्षकों ने बीएड करने के लिए विधिवत आवेदन भी किया, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों के नामों की सूची बीएड कॉलेज भेजी ही नहीं, जिससे जिले के शिक्षक डिग्री कोर्स में एडमिशन से वंचित हो गए हैं। वहीं, बीएड कॉलेज की 150 सीटों में से 47 सीटें खाली रह गई हैं। इसी तरह एमएड में छतरपुर डीइओ ने केवल 4 नाम भेजे जबकि 12 शिक्षकों ने आवेदन किया था। एमएड की 50 सीटों के बदले केवल 8 एडमीशन हो पाए हैं। 42 सीटें खाली रह गई हैं। डीइओ द्वारा शिक्षकों को बीएड-एमएड से वंचित किए जाने से शिक्षकों में आक्रोश है।
19 अगस्त तक दिया मौका :
शासकीय बीए कॉलेज की प्राचार्य के अनुसार 14 अगस्त तक शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बीएड कॉलेज भेजी जानी थी। लेकिन सूची नहीं भेजी गई। उन्हें 19 अगस्त तक मौका दिया गया, ताकि जिले के शिक्षक प्रशिक्षण से वंचित न रह जाए, लेकिन उन्होंने मौका देने के वाबजूद बीएड के लिए सूची भेजी ही नही, जबकि शिक्षक प्रशिक्षण के लिए इच्छुक थे, कुछ शिक्षक आवेदन लेकर बीएड कॉलेज भी आए लेकिन, सिस्टम के मुताबिक बिना डीइओ द्वारा सूची भेजे एडमिशन नहीं दिया जा सकता है, इसलिए शिक्षकों को अवसर का लाभ नहीं मिल सका है। इस संबध में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार शर्मा से ४ बार फोर कर बात करने की कोशिश की गई, वे इस मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे।
डीइओ ने किया वंचित :
जिला शिक्षा अधिकारी को कई बार लिखित और मौखिक रुप से बीएड के लिए शिक्षकों के नाम भेजने को कहा गया, लेकिन उन्होंने एक भी नाम नहीं भेजे। छतरपुर में संभागीय शासकीय बीएड कॉलेज हंै, लेकिन छतरपुर के शिक्षक ही वहां नहीं पढ़ पा रहे हैं। जबकि सागर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह से नाम आए थे, जिन्हें वरिष्ठता के क्रम में एडमिशन देकर भोपाल रिपोर्ट भेज दी गई है।
गीता रुसिया, प्राचार्य, शासकीय बीएड कॉलेज
सरकारी स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर शिक्षकों को बीएड-एमएड कराती है। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षकों व बच्चों का अहित कर रहे हैं। शिक्षकों के आवेदन आने के वाबजूद उनके नाम बीएड कोर्स के लिए नहीं भेजे।
बीपी चंसौरिया, जिला अध्यक्ष, म.प्र. राजपत्रित अधिकारी संघ
जिला शिक्षा अधिकारी शासन की मंशा के विरूद्ध शिक्षकों को प्रशिक्षण से वंचित कर रहे हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण मिलेगा तो बच्चों को बेहतर तरीके के पढ़ा सकेंगे। लेकिन शिक्षकों को वंचित कर शासन की शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।
विमल द्विेदी, जिला अध्यक्ष, म.प्र. शिक्षक कांग्रेस प्रकोष्ठ
फैक्ट फाइल :
कोर्स सीट भरी खाली
बीएड 150 103 ४७
एमएड 50 08 ४२
छतरपुर जिले से आवेदन :
कोर्स आवेदन आए नाम भेजे
बीएड – 55 निरंक
एमएड – 12 04

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