scriptआरोप-प्रत्यारोपों के बीच चुनाव में गुम होने लगे विकास के मुद्दे | Development issues going missing in the election between allegation-c | Patrika News
छतरपुर

आरोप-प्रत्यारोपों के बीच चुनाव में गुम होने लगे विकास के मुद्दे

– छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में एक-दूसरे पर किए जा रहे व्यक्तिगत प्रहार

छतरपुरNov 17, 2018 / 01:19 pm

Neeraj soni

अवैध शराब व जुआ फड़ों पर पुलिस का छापा

Chhatarpur

नीरज सोनी छतरपुर। विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे तल्ख होने लगा है। प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। आने वाले दिनों में पार्टियों के स्टार प्रचारक भी यहां पर अपने-अपने उम्मीदवारों की नैया पार लगाने के लिए आने वाले हैं। इन सब के बीच शहर और क्षेत्र के विकास के मुद्दे धीरे-धीरे गायब होते चले जा रहे हैं। राजनैतिक दलों के समर्थक एक-दूसरे की छवि को धूमिल करने में लग गए हैं।
शहर में जल संकट सबसे बड़ा मुद्दा है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में भी पानी की गंभीर समस्या है। औसत बारिश इस बार ठीक-ठाक हुई, लेकिन इसके बाद भी पानी का भंडारण अच्छे से नहीं हो पाया है। शहर में एक दिन छोड़कर नलों से पानी आ रहा है। चुनाव के ठीक पहले गर्मियों के दिनों में भाजपा-कांग्रेस के बीच भी पानी को लेकर राजनीति होती रही। भाजपा शासित नगरपालिका पर कांग्रेस ने टैंकर से पानी वितरण कराने को लेकर आरोप लगाए। बदले में भाजपा ने भी शहर में टैंकरों से पानी वितरण की व्यवस्था को इतना मजबूत किया, ताकि कांग्रेस के कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाएं। उधर कांग्रेस नेता आलोक चतुर्वेदी पज्जन पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी गर्मियों के दिनों में हर साल शहर के वार्डों में पेयजल वितरण कराने में लगे रहे। इतना सब कुछ होने के बाद भी चुनावी समर में उतरते ही दोनों महारथियों ने पानी का मुद्दा छोड़ दिया है। इसी तरह शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं के मामले भी बड़े चुनावी मुद्दा हैं। मेडिकल कॉलेज को लेकर यहां लंबी राजनीति हुई, लेकिन चुनाव में यह सभी मुद्दे अचानक से गायब हो गए हैं। अब प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि, पारिवारिक पृष्ठभूमि और व्यक्तिगत काम ही यहां बड़ा चुनावी मुद्दा बन गए हैं। इसी आधार पर प्रत्याशी और उनके समर्थक अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने में लग गए हैं।
सोशल मीडिया पर ही निकाला जा रहा पूरा पुरुषार्थ :
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख दलों के अलावा अन्य दलों के उम्मीदवार और उनके समर्थक वाट्स एप व फेसबुक पर ही पूरा पुरुषार्थ निकालने में लगे हैं। एक-दूसरे की छवि को बिगाडऩे के लिए सोशल मीडिया पर रोज नए-नए वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। ऑडियो रिकॉर्डिंग एडिट करके डाली जा रही हैंं। चुनावी पोल कराए जा रहे हैं। एक-दूसरे को आगे बताया जा रहा है। अफवाहों का बाजार भी उतना ही गर्म है। आरोप-प्रत्यारोपों के इस चुनावी शोरगुल में पानी, स्वास्थ्य, ट्रॉफिक, वायपास-रिंग रोड, एनटीपीसी, रोजगार, यूनिवर्सिटी भवन, मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े मुद्दे गायब होते जा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो