कई वर्षो तक चला फर्जी नियुक्ति का सिलसिला
मप्र में वर्ष 2004 से लेकर 2015 तक एमपीडब्ल्यू, एनएमए, संगणक की 119 फर्जी नियुक्तियों के आदेश जारी हुए थे तथा दतिया छतरपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में नियुक्तियां की गई थीं। जिसकी शिकायत 2016 में लोकायुक्त में की गई थी जिस पर दतिया पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 336/16 एवं लोकायुक्त में दर्ज जांच प्रकरण क्रमांक 996/2016 दर्ज किया गया था। लोकायुक्त के आदेश के बाद संचालनालय स्तर पर एक जांच समिति गठित की गई थी जिसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त ने 119 संदिग्ध कर्मचारियों की सूची जारी कर संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से इन कर्मचारियों के संदर्भ में जानकारी मांगी है।
मप्र में वर्ष 2004 से लेकर 2015 तक एमपीडब्ल्यू, एनएमए, संगणक की 119 फर्जी नियुक्तियों के आदेश जारी हुए थे तथा दतिया छतरपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में नियुक्तियां की गई थीं। जिसकी शिकायत 2016 में लोकायुक्त में की गई थी जिस पर दतिया पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 336/16 एवं लोकायुक्त में दर्ज जांच प्रकरण क्रमांक 996/2016 दर्ज किया गया था। लोकायुक्त के आदेश के बाद संचालनालय स्तर पर एक जांच समिति गठित की गई थी जिसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त ने 119 संदिग्ध कर्मचारियों की सूची जारी कर संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से इन कर्मचारियों के संदर्भ में जानकारी मांगी है।
फर्जी पत्र के आधार पर नियुक्ति में आया इनका नाम
इन कर्मचारियों में छतरपुर जिले के राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले डुमरा में एमपीडब्ल्यू अरविंद कुमार अहिरवार की नियुक्ति 2007 में हुई थी। एनएमए हरगोविंद शर्मा की नियुक्ति 2009 में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजनगर में हुई थी। इसी तरह राकेश कुमार जाटव संगणक की नियुक्ति वर्ष 2009 में सीएमएचओ के अधीन की गई थी। स्वास्थ संचालनालय के फर्जी पत्र पर छतरपुर जिले में नियुक्त हुए संदिग्ध कर्मचारियों की जानकारी स्वास्थ्य आयुक्त ने सीएमएचओ से मांगी है। हालांकि अब ये कर्मचारी छतरपुर जिले में पदस्थ नहीं हैं। संदिग्ध कर्मचारी अरविंद कुमार का ट्रांसफर रायसेन किया गया है। हरगोविंद शर्मा का दतिया और रमेश कुमार जाटव रीवा में पदस्थ हैं।
इन कर्मचारियों में छतरपुर जिले के राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले डुमरा में एमपीडब्ल्यू अरविंद कुमार अहिरवार की नियुक्ति 2007 में हुई थी। एनएमए हरगोविंद शर्मा की नियुक्ति 2009 में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजनगर में हुई थी। इसी तरह राकेश कुमार जाटव संगणक की नियुक्ति वर्ष 2009 में सीएमएचओ के अधीन की गई थी। स्वास्थ संचालनालय के फर्जी पत्र पर छतरपुर जिले में नियुक्त हुए संदिग्ध कर्मचारियों की जानकारी स्वास्थ्य आयुक्त ने सीएमएचओ से मांगी है। हालांकि अब ये कर्मचारी छतरपुर जिले में पदस्थ नहीं हैं। संदिग्ध कर्मचारी अरविंद कुमार का ट्रांसफर रायसेन किया गया है। हरगोविंद शर्मा का दतिया और रमेश कुमार जाटव रीवा में पदस्थ हैं।