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जिला अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली, जच्चा-बच्चा की मौत

locationछतरपुरPublished: Oct 13, 2018 02:54:33 pm

Submitted by:

Neeraj soni

आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा

District hospital gets oxygen child mother dies

District hospital gets oxygen child mother dies

छतरपुर। जिला अस्पताल में आए दिन किसी न किसी मरीज की इलाज के दौरान मौत हो रही है और इलाज में लापरवाही और इलाज नहीं देने का आरोप लगाकर मरीज के परिजनों द्वारा खासा हंगामा खडा किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी न तो स्टाफ पर किसी प्रकार की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा आरोप को निराधार बताते हुए हंगामा करने वालों पर कार्रवाई कराने की बात कही जा रही है। लेकिन घटना होने के बाद न तो किसी प्रकार की जांच कराई जाती है और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की जरूरत समझी जा रही है। जिससे आए दिन डॉक्टरों और स्टाफ की लापवारही और हंगामा हो रहा है। जानकारी के अनुसार यूपी के महोबा जिले के चांदू चंदपुरा गांव निवासी शारदा अनुरागी (२९) पति रतिराम का मायका छतरपुर शहर के मातवाना मुहल्ला में है। शारदा को डिलेवरी होनी थी। इसीलिए वह सुरक्षित डिलेवरी कराने के लिए अपने माएके छतरपुर आई थी और जिला अस्पताल में भर्ती हुई। तब ३ अक्टूवर को महिला का ऑपरेशन का प्रशव कराया गया। महिला ने एक पुत्री को जन्म दिया। महिला के भाई मदन अनुरागी ने बताया कि डिलेवरी के बाद महिला को वार्ड में भर्ती करा दिया गया। वहीं बच्ची की हालत काफी नाजुक होने पर उसे डॉक्टरों द्वारा एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां पर चार दिन बाद उसकी हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज झांसी के लिए रेफर किया गया था। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी। मदन अनुरागी ने बताया कि अगर डॉक्टर समय पर बच्ची को रेफर कर देते तो उसकर जान बच सकती थी। मदन अनुरागी ने बताया कि बच्ची की मौत की खबर सुनते ही शारदा की और हालत बिगड़ गई। गुरुवार को रात करीब ८ बजे रात शारदा ने खाना खाया और खाना चााने के करीब १५ मिनट बाद अवाचक उसे घबराहट होने लगे और तेज हाफी आने लगी। तब साथ में मौजूद परिजनों ने डॉक्टर और नर्श को जानकारी दी और तुरंत साथ में चलने की गुहार लगाई। लेकिन डॉक्टर और नर्श साथ में नहीं गए और करीब ३० मिनट बाद पहुंचे डॉक्टर ने देखा और ऑक्सीजन दी ओर दो-तीन इंजेंक्शन लगाए। इसके कुछ ही देर में शारदा ने दम तोड दिया। शारदा के भाई और परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर डॉक्टर आ जाते तो शारदा की जान बच जाती है। घटना से आक्रोसित परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगा वार्ड में काफी देर तक हंगामा मचाया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइस देकर शांत कराया। हालाकि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और शव को रात में ही अपने घर ले गए।
इनका कहना है
गुरुवार को देर शाम एक महिला की मौत हुई थी उसकी हालत पहले से ही नाजुक थी। शोर शराबा कर रहे परिजनों से शव का पीएम कराने के लिए कहा गया था। लेकिन उन्होंने न ही पीएम कराया और न ही किसी प्रकारी की शिकायत की गई।
डॉ आरपी पांडे सिविल सर्जन

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