जिला पंचायत सीइओ और गौरिहार जनपद सीइओ के खिलाफ इओडब्ल्यू में शिकायत
छतरपुरPublished: Sep 20, 2018 12:58:51 pm
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छतरपुर। ग्राम पंचायत रोजगार सहायक पर कार्रवाई की गलत जानकारी विधानसभा में देने और गलत तरीके से बर्खास्त रोजगार सहायक को स्थानांतरित करने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (इओडब्ल्यू) के डीजीपी से शिकायत हुई है। 18 सितंबर को शिकायतकर्ता लखन अनुरागी द्वारा की गई शिकायत में जिला पंचायत के सीइओ हर्ष दीक्षित और जनपद पंचायत गौरिहार के सीइओ प्रतिपाल सिंह बागरी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने विधानसभा के अतारांकित प्रश्न क्रमांक २०३७ के प्रश्नांक -ड में गलत जानकारी दी है। विधानसभा को दी गई जानकारी में ग्राम पंचायत कसार में फर्जी तरीके शौचालय निर्माण की राशि निकालने वाली रोजगार सहायक की संविदा समाप्ति की जानकारी दी गई। जबकि इसी रोजगार सहायक को सितंबर मेें सीलप से जरेहटा ग्राम पंचायत में पदस्थापना का संशोधित आदेश जारी किया गया है।
ये है पूरा मामला
इओडब्ल्यू में शिकायत करने वाले कांग्रेस नेता लखन अनुरागी ने बताया कि ग्राम पंचायत कसार में पदस्थ रोजगार सहायक विनीता शिवहरे ने 37 लोगों के नाम से फर्जी तरीके से शौचालय निर्माण की राशि निकाल ली थी। इन लोगों में भाई, पिता और मृत लोगों के नाम शामिल हैं। इसकी शिकायत पर जनपद पंचायत गौरिहार के सीइओ व विकासखंड समन्यवयक की संयुक्त कमेटी की जांच में फर्जी तरीके से गलत राशि निकालने की पुष्टि हो गई। जिसके बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गौरिहार के आदेश क्रमांक ५५१ दिनांक २९ जनवरी 2018 को रोजगार सहायक विनीता शिवहरे की संविदा सेवा समाप्त कर दी गई। जिला पंचायत सीइओ हर्ष दीक्षित द्वारा ये जानकारी विधानसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न क्रमांक २०३७ के प्रश्नांक ड सवाल पर दी गई। जबकि 1 सितंबर 2018 को जनपद पंचायत गौरिहार सीइओ प्रतिपाल सिंह बागरी ने संविदा सेवा से हटाई गई विनीता शिवहरे को आदेश क्रमांक ८४४ के तहत ग्राम पंचायत सीलप से जरेहटा स्थानांतरित किया गया।
ये उठ रहा सवाल :
ऐसे में सवाल ये उठता है कि संविदा समाप्त होने के बाद राजगार सहायक को कसार से सीलप ग्राम पंचायत कब पदस्थ किया गया और किस आधार पर किया गया। इसके बाद सीलप से जरेहटा कैसे और किस आधार पर स्थानांतरित किया गया। इसका मतलब साफ है कि जिला पंचायत सीइओ और जनपद सीइओ द्वारा विधानसभा को गलत जानकारी दी गई। इधर दोषी पाई गई रोजगार सहायक को नौकरी पर वापिस किस आधार पर रखा गया । और यदि संविदा सेवा समाप्त ही नहीं हुई थी, तो विधानसभा में गलत जानकारी दी गई। इस मामले में इओडब्ल्यू के डीडीपी के साथ ही मुख्य सचिव बीपी सिंह से भी गई है।
गबन में अफसर भी शामिल हैं :
जिला पंचायत सीइओ और जनपद गौरिहार सीइओ ने विधान सभा को गलत जानकारी दी और इधर गबन का दोषी पाए जाने के बावजूद ग्राम पंचायत की रोजगार सहायक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मनमाफिक ट्रांसफर दिया गया है। विधानसभा में गलत जानकारी देने से साफ जाहिर है कि इस पूरे खेल में अफसर भी शामिल हैं।
– लखन अनुरागी, शिकायतकर्ता