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जिला अस्पताल में पेयजल संकट गहराया, गंदा पानी पीने को मजबूर है मरीज व उनके परिजन

locationछतरपुरPublished: Apr 17, 2018 10:05:09 am

Submitted by:

rafi ahmad Siddqui

ट्यूबवेल और टेंकरों से सप्लाई शुरू, अस्पताल के वाटर कूलर और नल भी हो चुके खराब

Drinking water crisis deep in the district hospital

Drinking water crisis deep in the district hospital

छतरपुर. जिला अस्पताल में लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन द्वारा सुध नहीं लेने से मरीज व उनके परिजन गंदा पानी पीने को मजबूर है। ऐसे में मरीज आते तो है अपना इलाज कराने। लेकिन अस्पताल का गंदा पानी पीकर और भी ज्यादा बीमार हो रहे है। अस्पताल प्रशासन द्वारा पेयजल समस्या से निपटने कोई ठोस कदम नहीं उठाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में मरीज अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर होकर अस्पताल में लगे नल से मजबूर होकर खराब पानी पीना पड़ रहा है। या फिर बाहर या घर से पानी लाना पड़ रहा है। जिससे अस्पताल प्रशासन की उदासीनता साफ नजर आ रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन भीषण गर्मी में बोर व टैंकर से पेयजल की समस्या से निपटने की बात कह रहा है। लेकिन फिर भी मरीजों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जिला अस्पताल में मंदिर के पास लगे नल में लिखा है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। फिर भी पानी की कमी के चलते वह गंदा पानी पी रहे है।
सरकार द्वारा कई योजनाएं मरीजों के हित में चलाई जा रही है। लेकिन उनकों पूरी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पेयजल समस्या से निपटने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है। लेकिन फिर भी अस्पताल में मरीजों को गंदा पानी ही नसीब हो रहा है। जिला अस्पताल में नलों में साफ अक्षरों में लिखा है कि यह पानी पीने योग्य नहीं है। फिर भी मरीज व उनके परिजन मजबूर होकर गंदा पानी पी रहे है। मरीजों के परिजनों के अनुसार अस्पताल में लगे नल व वाटर कूलर से पानी आता तो है लेकिन पानी बहुत धीमी गति से आता है। साथ ही पानी का स्वाद भी खारा रहता है। जिससे गले की प्यास नहीं बुझ पाती है। इस कारण मरीजों के परिजनों को अस्पताल से बाहर किसी नल से या पानी की बोतल खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में लगे वोर व टैकरों से पानी की पूर्ति की जा रही है। लेकिन यदि वोर सूख गया तो इसके बाद मरीजों के लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। गर्मी के कारण अस्पताल में कूलरों की व्यवस्था भी की गई है। यदि पानी की समस्या हुई तो कूलर में पानी डलना बंद हो जाएगे। तो फिर मरीजों के लिए एक ओर बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
अस्पताल में नहीं महिलाओं के नहारे की व्यवस्था :
अस्पताल में महिलाओं को मजबूर होकर अस्पताल के बाहर सड़क किनारे मॉडल बेसिक स्कूल के पास लगे हैडपंप पर नहाने जाना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधक द्वारा अस्पताल में बाथरूम की व्यवस्था की गई है। लेकिन वहां इतनी गंदगी रहती है कि लोगों को सांस लेना भी मुश्किल होता है। अस्पताल प्रशासन द्वारा अस्पताल में नलों के पास कपड़े बदलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे महिलाओं को अस्पताल के बाहर लगे हैडंपपों पर जाकर नहाना पड़ रहा है। लेकिन वहां भी कपड़े बदलने की व्यवस्था न होने से खुले में नहाने व कपड़े बदलने को मजबूर है। नगर पालिका द्वारा इसके लिए अस्पताल के बाहर लगे हैडपंप के पास बाथरूम बनाया गया था कि वहां महिला नहा सके। लेकिन दो महीने के बाद इतनी गंदगी हुई कि अब वह पेशाब घर के नाम से जाना जाने लगा।
केप्शन- सीएचपी-१६०४१८-३२- जिला अस्पताल में लगे नल से गंदा व गर्म पानी पीते हुए लोग।


इनका कहना है:
धसान नदी से अभी अस्पताल के लिए पानी सप्लाई नहीं हो रही है। जिस कारण अस्पताल में पानी की समस्या उत्पन्न हुई है। अभी अस्पताल में लगे बोर व टैंकरों द्वारा अस्पताल में पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी की समस्याओं को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि किसी भी हालत में अस्पताल में पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। मरीज व उनके परिजनों को साफ व ठंडा पानी मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा इंतजाम किए जा रहे है।
– डॉ. एसके चौरिसया, सिविल सर्जन

पीने का पानी बाहर से लाने को मजबूर –
अस्पताल में लगे नलों में गर्म व खारा पानी आ रहा है। लेकिन मजबूर होकर पानी पीना पड़ रहा है। अस्पताल में लगे कई नलों में गंदा पानी आता है। कभी-कभी तो पानी भर लेते है। लेकिन प्यास न बुझ पाने से अस्पताल के बाहर से भी पानी लाते है। अस्पताल के पानी का उपयोग कपड़े धोन में कर लेते है और पीने के लिए अस्पताल के बाहर लगे हैडपंप से पानी भरकर लाते है। जब कहीं मरीज पानी पीकर प्यास बुझा पाते है।
विजय कुशवाहा, मरीज के परिजन
वॉटर कूलर से कम आता है पानी, तो नलों में आ रहा गंदा पानी
अस्पताल में पानी की व्यवस्था तो की गई है। लेकिन कई नल अभी भी नहीं चल रहे है। एक-दो वॉटर कूलर ही चालू है। जिससे मरीज को पानी में भरने में परेशानी होती है। कई नलों में लिखा है कि यह पानी पीने योग ? नहीं है। लेकिन क्या करें कई नलों में गंदा पानी आता है और किसी में साफ तो जिसमें साफ आता है उससे पानी भर लेते है। दवां वितरण केन्द्र के बाहर लगे नल में तो गंदा पानी आता है।
मोहन कुमार, मरीज के परिजन

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