हिन्दू उत्सव समिति के पवन मिश्रा ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए हर साल होने वाले गरबा महोत्सव का आयोजन इस बार सार्वजनिक रुप से नहीं किया जाएगा। पवन ने बताया कि गरबा में कलश स्थापना, पूजा पाठ तो किया जाएगा। गरबा में 5 से 5 हजार लोग रोजाना शामिल होते हैं। भीड़ न जुटे इसलिए गरबा नृत्य का आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं, लाल कडक्का रामलीला समिति के नरेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि रामलीला में 100 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर आयोजन समितियों पर कार्रवाई के निर्देश हैं। रामलीला में लोगों की भीड़ जुटती है, जिसे रोकना संभव नहीं है। इसलिए सबकी सुरक्षा को देखते हुए इस बार रामलीला का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
स्टेडियम में हर साल दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है। इसके लिए एक महीने पहले ही रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाए जाते हैं। लेकिन दशहरा के कार्यक्रम में लोगों की भीड़ जुटने की आशंका को देखते हुए इस बार पुलतों का निर्माण शुरु नहीं कराया गया है। दशहरा के दिन इस बार पुतला दहन का कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। इस बार लालकडक्का रामलीला समिति के द्वारा पुतला निर्माण कराया जाना था।
ये है पंडाल व मूर्तियों को लेकर गाइडलाइन
गाइडलाइन के मुताबिक प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची हो सकती हैं। पंडाल का साइज भी 10 बाई 10 फीट तक हो सकता है।
सामाजिक,सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में 100 से कम व्यक्ति ही रह सकेंगे हैं। कार्यक्रम की पूर्व से अनुमति लेनी जरूरी। किसी भी तरह के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। गरबा भी नहीं होगा। लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों के समूह को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।