यहां दिनभर रहता है ट्रैफिक जाम
शहर के सभी इलाके में ऐसे स्थान हैं,जहां ट्रैफिक जाम हर घंटे लगता है। खासकर बाजार वाले इलाके में समस्या ज्यादा है। बाजार में सुबह से लेकर देर रात तक जाम की स्थिति रहती है। वहीं बस स्टैंड रोड पेट्रोल पंप के पास जाम लगना आम बात हो गई है। इसके साथ ही चौक बाजार, कोतवाली के पास, महलन, स्टेट बैंक मैन ब्रांच के समाने, पीएनबी बैंक के सामने, कल्याण मंडपम के सामने, डाकखाना चौराहा, हटवारा बाजार में हर समय जाम से गुजरना पड़ता है। शहर के दोनों प्रमुख मार्ग कानपुर -सागर नेशनल हाइवे और रीवा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कभी भी जाम लग जाता है। शहर के सभी चौराहे और तिराहे से बिना जाम का सामना करे गुजरना मुश्किल है।
बेतरतीब पार्किंग बड़ी मुसीबत
जहां सुबह के समय शहर की सड़कें खाली रहती है, वहीं दोपहर और शाम को वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। सड़क पर वाहनों की भारी संख्या, सड़क तक पसरी दुकानें और पार्किंग की जगह नहीं होने से बेतरतीब वाहन पार्किंग के कारण जगह-जगह जाम लगता है। शहर के लोगों का कहना है कि जाम लगने के पीछे पार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल, सड़क पर दुकानों का सामान 3000 गौवंश का सड़क पर रहना प्रमुख कारण है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने अभी तक जाम को लेकर कोई कारगार उपाय नहीं किए हैं। यही वजह है कि जाम की समस्या नगर में दिन प्रतिदिन गहराती जा रही है। जाम के कारण लोगों का समय बर्बाद हो रहा है।
ट्रैफिर पुलिस नहीं आती नजर
शहर के मुख्य मार्गों पर आधा दर्जन चौराहे ऐसे हैं जहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है। इसके बावजूद यहां खराब ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया है। यहां पुलिसकर्मियों की मौजूदगी नहीं रहती है। कई स्थानों परे प्रति दिन औसतन एक हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। ट्रैफिक जाम होने से वाहन चालक रॉन्ग साइड से आवाजाही करने को मजबूर होते हैं। जिससे हालात और भी बदतर हो जाते हैं।
शहर के मुख्य मार्गों पर आधा दर्जन चौराहे ऐसे हैं जहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है। इसके बावजूद यहां खराब ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया है। यहां पुलिसकर्मियों की मौजूदगी नहीं रहती है। कई स्थानों परे प्रति दिन औसतन एक हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। ट्रैफिक जाम होने से वाहन चालक रॉन्ग साइड से आवाजाही करने को मजबूर होते हैं। जिससे हालात और भी बदतर हो जाते हैं।
सिग्नल नहीं आ रहे काम
शहर के अंदर से निकले दो नेशनल हाइवे के ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस विभाग ने आठ साल पहले छत्रसाल चौराहा, पुराना पन्ना नाका तिराहा, आकाशवाणी तिराहा और जवाहर रोड स्थित पेट्रोल पंप तिराहा पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। पर विभाग की लापरवाही के कारण इनमें से तीन सिग्नल नियमित रूप से शुरू नहीं हो पाए हैं। एक मात्र आकाशवाणी का सिग्नल काम करता रहा है, लेकिन सौंदर्यीकरण के लिए इस सिग्नल को भी तीन महीने से बंद करके रखा गया है।
शहर के अंदर से निकले दो नेशनल हाइवे के ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस विभाग ने आठ साल पहले छत्रसाल चौराहा, पुराना पन्ना नाका तिराहा, आकाशवाणी तिराहा और जवाहर रोड स्थित पेट्रोल पंप तिराहा पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। पर विभाग की लापरवाही के कारण इनमें से तीन सिग्नल नियमित रूप से शुरू नहीं हो पाए हैं। एक मात्र आकाशवाणी का सिग्नल काम करता रहा है, लेकिन सौंदर्यीकरण के लिए इस सिग्नल को भी तीन महीने से बंद करके रखा गया है।
फैक्ट फाइल
रजिस्टर्ड वाहन- 2.50 लाख
ट्रकों की संख्या- 2500
बसों की संख्या-500
नेशनल हाइवे पर ट्रैफिक दबाव- 10 हजार वाहन प्रतिदिन