विभाग की नेशनल लैब में होती है पानी की जांच
जिला मुख्यालय पर पीएचई कार्यालय में ही एनएडीएल संस्था से प्रमाणित जल परीक्षण की नेशनल लैब मौजूद है। यहां दो तरह से पानी की जांच की जाती है। विभाग अपने जलस्त्रोतों से दो लीटर पानी का सैंपल लेकर इसकी जांच करता है। पानी की फिजिकल, कैमिकल और वैक्टोलॉजिकल जांचें कराई जाती हैं जिसके 11 मापदण्ड होते हैं। इस जांच की रिपोर्ट दो दिन में प्राप्त हो जाती है जिसके द्वारा पानी की गुणवत्ता और उसके प्रभाव, दुष्प्रभाव का पता चल जाता है।
जिला मुख्यालय पर पीएचई कार्यालय में ही एनएडीएल संस्था से प्रमाणित जल परीक्षण की नेशनल लैब मौजूद है। यहां दो तरह से पानी की जांच की जाती है। विभाग अपने जलस्त्रोतों से दो लीटर पानी का सैंपल लेकर इसकी जांच करता है। पानी की फिजिकल, कैमिकल और वैक्टोलॉजिकल जांचें कराई जाती हैं जिसके 11 मापदण्ड होते हैं। इस जांच की रिपोर्ट दो दिन में प्राप्त हो जाती है जिसके द्वारा पानी की गुणवत्ता और उसके प्रभाव, दुष्प्रभाव का पता चल जाता है।
निजी जलस्त्रोत की जांच के लिए है यह व्यवस्था
पीएचई में पदस्थ आराधना पाठक ने बताया कि विभाग शासकीय जलस्त्रोतों के जल का परीक्षण तो करता ही है साथ ही यदि अन्य व्यक्ति या संस्थाएं भी अपने पानी का परीक्षण कराना चाहती हैं तो इसके लिए वे विभाग को एक आवेदन देकर 1550 रूपए की फीस चालान के माध्यम से विभाग में जमा कराते हैं। विभाग तीन तरह की 11 पैरामीटर पर आधारित जल परीक्षण रिपोर्ट दो दिन में उन्हें उपलब्ध करा देता है। कर्मचारियों को फील्डकिट भी दी गई हैं जिससे मौके पर ही जाकर पानी की जांच की जा सकती है। पानी को शुद्ध रखने के लिए समय-समय पर इन जलस्त्रोतों में क्लोरीन डलवाई जाती है। स्थानीय लैब के अलावा 10 फीसदी सैंपल बाहर के लैबों में भी जांच के लिए भेजे जाते हैं ताकि जलस्त्रोतों का पुन: प्रमाणीकरण हो सके।
पीएचई में पदस्थ आराधना पाठक ने बताया कि विभाग शासकीय जलस्त्रोतों के जल का परीक्षण तो करता ही है साथ ही यदि अन्य व्यक्ति या संस्थाएं भी अपने पानी का परीक्षण कराना चाहती हैं तो इसके लिए वे विभाग को एक आवेदन देकर 1550 रूपए की फीस चालान के माध्यम से विभाग में जमा कराते हैं। विभाग तीन तरह की 11 पैरामीटर पर आधारित जल परीक्षण रिपोर्ट दो दिन में उन्हें उपलब्ध करा देता है। कर्मचारियों को फील्डकिट भी दी गई हैं जिससे मौके पर ही जाकर पानी की जांच की जा सकती है। पानी को शुद्ध रखने के लिए समय-समय पर इन जलस्त्रोतों में क्लोरीन डलवाई जाती है। स्थानीय लैब के अलावा 10 फीसदी सैंपल बाहर के लैबों में भी जांच के लिए भेजे जाते हैं ताकि जलस्त्रोतों का पुन: प्रमाणीकरण हो सके।
जिले में मौजूद जलस्त्रोत
हैण्डपंप - 10337
चालू हैण्डपंप - 10185
नल-जल योजनाएं- 360
चालू योजनाएं - 296
हैण्डपंप - 10337
चालू हैण्डपंप - 10185
नल-जल योजनाएं- 360
चालू योजनाएं - 296