पहले चरण में 70 फीसदी से कम अंक वाले शिक्षकों को दक्षता का प्रशिक्षण लेना होगा। 23 जनवरी से दक्षता प्रशिक्षण प्रति शनिवार विषयवार शाम 4 बजे से 6 बजे के बीच ऑनलाइन शुरु हो रहा है। शाला के शिक्षकों का प्रशिक्षण डाइट के माध्यम से होगा। जो भी शिक्षक प्रशिक्षण से गैरहाजिर होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दक्षता परीक्षा ओपन बुक प्रणाली के तहत ली जाएगी। जिसमें किताब खोलकर शिक्षकों को एग्जाम देने का मौका दिया गया है, हालांकि पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त वे गाइड आदि किताबों का उपयोग नहीं कर सकते। इसके अलावा परीक्षा परिणाम कम या फेल होने पर शिक्षकों को दो माह की अवधि दक्षता सुधार के लिए दी जाएगी। इसके लिए इन शिक्षकों का जिला स्तर पर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी किया जाएगा और मार्च के पहले सप्ताह में दोबारा परीक्षा होगी।
बोर्ड कक्षाओं 10 वीं और 12वीं की परीक्षाएं नजदीक है। लेकिन कोरोना संकट के कारण देर से स्कूल खुलने से कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। अप्रेल में बोर्ड परीक्षाएं होना है। इसको देखते हुए अब स्कूल के प्राचार्यो व शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। छात्र-छात्राओं का कोर्स पूरा हो सके, इसके लिए अब रविवार व अन्य अवकाश के दिन भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। ताकि परीक्षा के पहले कोर्स पूरा कर रिवीजन कराया जा सके।
कोर्स पूरा कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने अवकाश के दिन भी कक्षाएं लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे में शिक्षकों व प्राचार्यो को अव अवकाश नहीं मिल पाएगा। हालांकि विशेष जरूरत पर छुट्टी मिलेगी। लेकिन सामान्य तौर पर अवकाश के दिन भी छुट्टी फिलहाल परीक्षाओं तक बंद रहेंगी।
शिक्षा विभाग कोरोना संकट काल में प्रभावित हुई पढ़ाई को कवर कर बोर्ड के रिजल्ट को सुधारने की कवायद में लगा है। शिक्षकों के अवकाश बंद करने के अलावा सभी विभागों के जिला अधिकारियों को स्कूल गोद दिलाए गए हैं। जहां जिला अधिकारी निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के सुझाव देने के साथ अमल कराने में मदद कर रहे हैं। स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट कलेक्टर चेक कर रहे हैं, ताकि समन्वय से रिजल्ट में सुधार लाया जा सके।