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पंजीयन के नाम पर कर्मचारी मांग रहे शुल्क, दवाओं के वसूले जा रहे 500 से 1000 रुपए

locationछतरपुरPublished: Feb 22, 2019 01:37:49 am

अधिकारी बोले करेंगे कार्रवाई

Employees demanding the name of registration fee, medicines for recovering from Rs 500 to Rs 1000

Employees demanding the name of registration fee, medicines for recovering from Rs 500 to Rs 1000

नौगांव. शासन द्वारा भारत को टीबी के रोग से मुक्त करने के लिए अरबों रूपए खर्च कर योजना चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। शासन स्वयं पैसे खर्च कर सरकारी अस्पतालों में टीबी के मरीजों के लिए मुफ्त इलाज व दवाइयां मुहैया करवा रही है, वहीं दूसरी और शासन के नुमाइंदे मरीजों से इलाज और दवा के नाम से पैसे ऐंठ कर शासन की मनसा को ही पलीता लगा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि, मध्यप्रदेश में सरकार बदल गई लेकिन भ्रष्टाचार नहीं रुका। संभाग के एकलौते टीबी अस्पताल में मरीजों से दवा और पोषण आहार के नाम पर अस्पताल कर्मचारी द्वारा पांच सौ से एक हजार रूपए वसूले जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि अस्पताल प्रबंधन को इसकी भनक नहीं है, लेकिन किसी को सरकारी योजना या मरीजों से कोई सरोकार नहीं है।
टीबी का इलाज करवाने के लिए मध्यप्रदेश सहित उत्तरप्रदेश के शहरों से रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन टीबी अस्पताल की ओपीडी रोजाना आधा सैकड़ा का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाती, जबकि संबंधित डॉक्टरों की ओपीडी सैकड़ा के आंकड़े को रोज पार कर जाती है। जो मरीज टीबी अस्पताल में दिखवाने आते हैं और जो भर्ती होते हैं, उनसे अस्पताल के कर्मी हर चीज का शुल्क वसूलते हैं। झीझन निवासी धर्मदास रैकवार की पत्नि सुमन ने बताया कि वह अपना इलाज कराने के लिए टीबी अस्पताल आई थी, जहां पर स्टोर कीपर सुन्दरलाल अहिरवार द्वारा उसका खाता खोलने के लिए एक हजार रूपए व इंजेक्शन के लिए तीन सौ रूपए की मांग की। यहा मांग सुन्दरलाल अहिरवार द्वारा इसके अलावा यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों से की जाती है और मरीजों से उनको मिलने वाली निशुल्क दवा व सुविधाओं का मोलभाव कर उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं।

&हमारे पास इस तरह की शिकायत आई है, संबंधित को नोटिस भेज कर जबाब मांगा जायेगा। संतोषजनक जबाब न मिलने पर आला अधिकारियों के समक्ष कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा।
व्हीके मिश्रा, अधीक्षक टीबी अस्पताल नौगांव
जांच कराई जाएगी
&मरीजों को दवा निशुल्क दी जाती है, यदि किसी मरीज से दवा के नाम पर पैसे मांगे गए हैं,तो उसको दिखवाकर जांच करवाकर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
वीएस वाजपेयी, सीएमएचओ छतरपुर

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