व्यापमं महाघोटाले में छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का नाम आने की खबर आने के बाद बुधवार को दिनभर हड़कंप मचा रहा। सिविल सर्जन डॉ. आरएस त्रिपाठी ने बताया कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी वारंट प्रस्तुत करने के बाद अधिकारियों को मेल के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत कर दी गई हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भी यह जानकारी भेजी जा चुकी हैं। इस प्रकरण में डॉक्टर का अनुबंध समाप्त किया जा सकता हैं। इसके अलावा अस्पताल के कर्मचारियों को भी कहा गया है कि दीपक अहिरवार अगर अस्पताल में प्रवेश करता हैं तो तत्काल ही पुलिस को सूचित किया जाए।
एक महीने से था फरार, किसी को नहीं थी भनक
सीबीआई द्वारा 31 जनवरी को पेश की गई चार्टशीट में दीपक अहिरवार का नाम था, लेकिन यह बात दीपक अहिरवार को भी नहीं पता थी कि वह फंस चुका हैं। दीपक मंगलवार तक जिला अस्पताल में ड्यूटी पर था। बताया गया है कि दीपक अहिरवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से संविदा पर नियुक्त किया गया था। वह 11 सितंबर 2019 से 60 हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन पर जिला अस्पताल छतरपुर में कार्यरत हैं। बतौर चिकित्सा अधिकारी दीपक की नियुक्ति हुई थी। जो अधिकांश समय इमरजेंसी ड्यूटी में ही देखे जाते थे। दीपक अहिरवार के फर्जी होने की खबर फैलने के बाद हड़कंप मच गया। अस्पताल के रेकॉर्ड के अनुसार डॉ. दीपक अहिरवार मंगलवार को ओपीडी ड्यूटी पर थे। वह कलेक्टर के दौरे के दौरान भी ड्यूटी पर ही बताए गए थे।