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गांव के पांव: किराए पर ली जमीन से लाभ निकलना मुश्किल

locationछतरपुरPublished: May 25, 2020 07:09:32 pm

Submitted by:

Samved Jain

कर्ज का ब्याज दे पाना ही होगा मुश्किल, पिपरमेंट बीज की खेती के साथ सब्जी की खेती में हुआ काफी नुकसान, अब मजदूरी ही रहेगा सहारा

गांव के पांव:  किराए पर ली जमीन से लाभ निकलना मुश्किल

गांव के पांव: किराए पर ली जमीन से लाभ निकलना मुश्किल

छतरपुर. लॉकडाउन का असर किसानों पर बहुत पड़ा हैं, लेकिन इससे सबसे Óयादा प्रभावित वह किसान हैं जो दूसरे की जमीन किराए पर लेकर अपनी फसल उगाते हैं। ऐसे ही किसानों के बीच पत्रिका ने पहुंचकर जब नफा-नुकसान का गणित समझा, तो तस्वीर कुछ और ही सामने आई। किसानों के अनुसार इस बार लाभ निकलना मुश्किल ही लग रहा हैं। ऐसे में अब मजदूरी के भरोसे ही पूरी साल गुजरने वाली है।

पत्रिका ने खजुराहो क्षेत्र के टपरन गांव में रहने वाले किसान पप्पू कुशवाहा से हकीकत जानने चर्चा की। किसान पप्पू कुशवाहा ने बताया कि अधियां पर ली जमीन से इतना लाभ नहीं निकल पाता कि पूरी साल का खर्चा निकाला जा सके। मौसम की मार से कई बार नुकसान भी झेलना पड़ता था। इसीलिए फसल के साथ-साथ खेत के कुछ हिस्सों में मौसम के अनुसार सब्जियां भी लगाते रहते हैं, जिससे खर्च चलता रहे। इस बार हालत खराब हैं। फसल में नुकसान नहीं हैं, लेकिन अन्य कोई काम और सब्जी में नुकसान होने के कारण उनका बजट पूरी तरह बिगड़ गया हैं।
आलम यह है कि पूरे जमीन से लाभ निकालना मुश्किल हैं। लाभ नहीं निकलने से पूरी साल का इंतजाम भी गड़बड़ा जाएगा। अभी पिपरमेंट के बीज की खेती की गई हैं। जिसके लिए भी उपयोगी सामग्री नहीं मिल पाने के कारण फसल उतनी प्रभावी नहीं है। इसका भी कम दाम मिल सकता हैं।
किसान के अनुसार लॉकडाउन का असर है। इसके कारण खेतों में लगाई गई सब्जियों के खरीदार नहीं मिले। जिससे दो महीने के राशन का नुकसान हुआ। जबकि अन्य कोई काम नहीं होने के कारण दो महीने की आजीविका बमुश्किल चल सकी। सरकारी मदद भी उन्हें नहीं मिली। जिसकी जमीन हैं उसके लिए सरकार मदद करती हैं। पेंशन से लेकर, बीमा राशि व अन्य जमीन मालिक किसान के पास पहुंचता हैं। उन्हें कुछ भी नहीं मिला। ब’चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, इससे उनकी शिक्षा पर तो कोई असर नहीं रहा, लेकिन मोबाइल इंटरनेट नहीं होने से उन्हें ऑनलाइन शिक्षा से नहीं जोड़ पाया।

किसान पप्पू कुशवाहा के अनुसार गांव के ही साहूकारों से कर्ज लिया हुआ हैं। जिसका ब्याज भी हर महीने भरना होता है। वह भी दो महीनों से अटका हैं। अब फसल से ही उम्मीद हैं। अ’छी रही तो दाम मिलेगा। इसके बाद ही कर्ज चुक सकता हैं। हालांकि, ब्याज ही इस साल की फसल से निकलना मुश्किल है। किसान के अनुसार लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए काम की भरपाई अब साल भर मजदूरी करके ही की जाएगी।
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