इनको मिलेगा लाभ
योजनानुसार काठन नदी पर आमखेरा के पास बांध निर्माण प्रस्तावित है। बडामलहरा व घुवारा तहसील के 74 गावों की 15 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित की जाना है। इस योजना की पूर्णत: के पश्चात वर्षों से चली आ रही सूखे की समस्या से किसानों को निजात मिल सकेगी। घुवारा तहसील के पनवारी, चूरामनखेरा, चरखाखेरा, रिछारा, मूसनखेरा, चौनाउन खेरा, बांकपुरा, झिंगरी, माखनपुरा, रामपुरा, कुंवरपुरा सहित 19 गांव भगवां क्षेत्र के भगवां, जनकपुरा, मथानीखेरा, कुसाल सहित 16 गांव, बड़ामलहरा क्षेत्र के लिधौरा, पथरिया, पिपराकला, ग्वालगंज, सैरोरा, वीरों, धरमपुरा, बमनी सहित 39 गांव लाभांवित करने की योजना पर काम शुरु किया जाना था।
योजनानुसार काठन नदी पर आमखेरा के पास बांध निर्माण प्रस्तावित है। बडामलहरा व घुवारा तहसील के 74 गावों की 15 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित की जाना है। इस योजना की पूर्णत: के पश्चात वर्षों से चली आ रही सूखे की समस्या से किसानों को निजात मिल सकेगी। घुवारा तहसील के पनवारी, चूरामनखेरा, चरखाखेरा, रिछारा, मूसनखेरा, चौनाउन खेरा, बांकपुरा, झिंगरी, माखनपुरा, रामपुरा, कुंवरपुरा सहित 19 गांव भगवां क्षेत्र के भगवां, जनकपुरा, मथानीखेरा, कुसाल सहित 16 गांव, बड़ामलहरा क्षेत्र के लिधौरा, पथरिया, पिपराकला, ग्वालगंज, सैरोरा, वीरों, धरमपुरा, बमनी सहित 39 गांव लाभांवित करने की योजना पर काम शुरु किया जाना था।
साफ नहीं हो रही देरी की वजह
विधायक प्रद्धुम्न सिंह लोधी ने मीडिया को बताया था कि, परियोजना में टेक्नीकल प्रॉब्लम आने से काम शुरु होनें में देरी हुई है। हालांकि, क्या टेक्नीकल प्रॉब्लम आई इसका खुलासा नहीं किया उन्होनें बताया कि, जल्दी ही टेंडर जारी कर योजना पर काम शुरु होगा। इधर जल संसाधन विभाग बडामलहरा के सहायक यंत्री श्रीराम रावत कहते है कि, एक माह पूर्व निविदा जारी हो चुकी है। छह माह पूर्व भू-अर्जन प्रकरण तैयार किए जा चुके है। अब हकीकत जो भी हो परियोजना का काम शुरु होने में देरी से किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
विधायक प्रद्धुम्न सिंह लोधी ने मीडिया को बताया था कि, परियोजना में टेक्नीकल प्रॉब्लम आने से काम शुरु होनें में देरी हुई है। हालांकि, क्या टेक्नीकल प्रॉब्लम आई इसका खुलासा नहीं किया उन्होनें बताया कि, जल्दी ही टेंडर जारी कर योजना पर काम शुरु होगा। इधर जल संसाधन विभाग बडामलहरा के सहायक यंत्री श्रीराम रावत कहते है कि, एक माह पूर्व निविदा जारी हो चुकी है। छह माह पूर्व भू-अर्जन प्रकरण तैयार किए जा चुके है। अब हकीकत जो भी हो परियोजना का काम शुरु होने में देरी से किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
फैक्ट फाइल
योजना- काठन सिंचाई परियोजना,
आधार शिला- 2020
लागत- 394 करोड
लाभांवित गांव- 74
तहसील- बडामलहरा, घुवारा
डूब क्षेत्र- 5 गांव
निर्माण एजेंसी- जल संसाधन
कार्य पूर्णत: अवधि- 18 माह
प्रगति- शून्य
22 करोड खर्च करके भी श्यामरी को नहीं मिला पुनर्जीवन
शिवराज सरकार ने क्षेत्र के किसानों को मजबूत करने की दिशा में श्यामरी नदी पुनर्जीवन योजना तैयार की थी इससे क्षेत्र के 3 दर्जन से अधिक गांव के हजारों परिवारों की किस्मत बदलने वाली थी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता से किसानों की किस्मत तो नहीं बदल सकी पर सरकारी राशि का दुरुपयोग जरूर हो गया। जल अभिषेक अभियान अंतर्गत बडामलहरा अंचल के खेतों के पानी पहुंचानें के उद्देश्य से प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने विगत 16 अप्रेल 2010 को ग्राम कर्री में नदी का पुनर्जीवन योजना का शुभारंभ किया था। सरकार ने क्षेत्र के 34 गांव के 19 हजार 200 परिवारों को लाभांवित करने की योजना तैयार की थी परंतु योजना का तरीकाबद्ध क्रियान्वयन न होने से योजना फिस्स हो गई। 22 करोड 11 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी श्यामरी नदी जस की तस है नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका। योजना पर स्वीकृत रकम हजम हो गई और 12 वर्ष बाद नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका।
श्यामरी नदी पुनर्जीवन योजना
योजना की लागत- 22 करोड 11 लाख
शुरुआत- 16 अप्रैल 2010
नदी का उदगम स्थल- ग्राम पंचायत अंधियारा
नदी का विलय स्थल- काठन नदी
नदी की संभावित लंबाई- 22.2 किमी
जल ग्रहण क्षेत्र- 18 हजार 425 हेक्टेयर
लाभार्थी परिवार- 19 हजार 200
नदी से जुडी पंचायते- 15 पंचायतों के 34 गांव
योजना- काठन सिंचाई परियोजना,
आधार शिला- 2020
लागत- 394 करोड
लाभांवित गांव- 74
तहसील- बडामलहरा, घुवारा
डूब क्षेत्र- 5 गांव
निर्माण एजेंसी- जल संसाधन
कार्य पूर्णत: अवधि- 18 माह
प्रगति- शून्य
22 करोड खर्च करके भी श्यामरी को नहीं मिला पुनर्जीवन
शिवराज सरकार ने क्षेत्र के किसानों को मजबूत करने की दिशा में श्यामरी नदी पुनर्जीवन योजना तैयार की थी इससे क्षेत्र के 3 दर्जन से अधिक गांव के हजारों परिवारों की किस्मत बदलने वाली थी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता से किसानों की किस्मत तो नहीं बदल सकी पर सरकारी राशि का दुरुपयोग जरूर हो गया। जल अभिषेक अभियान अंतर्गत बडामलहरा अंचल के खेतों के पानी पहुंचानें के उद्देश्य से प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने विगत 16 अप्रेल 2010 को ग्राम कर्री में नदी का पुनर्जीवन योजना का शुभारंभ किया था। सरकार ने क्षेत्र के 34 गांव के 19 हजार 200 परिवारों को लाभांवित करने की योजना तैयार की थी परंतु योजना का तरीकाबद्ध क्रियान्वयन न होने से योजना फिस्स हो गई। 22 करोड 11 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी श्यामरी नदी जस की तस है नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका। योजना पर स्वीकृत रकम हजम हो गई और 12 वर्ष बाद नदी को पुनर्जीवन नहीं मिल सका।
श्यामरी नदी पुनर्जीवन योजना
योजना की लागत- 22 करोड 11 लाख
शुरुआत- 16 अप्रैल 2010
नदी का उदगम स्थल- ग्राम पंचायत अंधियारा
नदी का विलय स्थल- काठन नदी
नदी की संभावित लंबाई- 22.2 किमी
जल ग्रहण क्षेत्र- 18 हजार 425 हेक्टेयर
लाभार्थी परिवार- 19 हजार 200
नदी से जुडी पंचायते- 15 पंचायतों के 34 गांव