छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने जिले में गहराते खाद संकट के लिए शासन और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि छतरपुर जिले के किसान पिछले कई दिनों से एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान हैं। प्रशासन ने पूर्व तैयारी नहीं की जिसके कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी फायदा लेने के लिए छतरपुर जिले का खाद टीकमगढ़ भेज चुकी है जिससे यहां के किसान खाद के लिए मोहताज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कराया गया तो वे किसानों के साथ धरने पर बैठेंगे।
जिले में अवैध उर्वरक का व्यापार करने वाले व्यक्तियों और किसानों को निर्धारित दर से अधिक कीमत पर उर्वरक विक्रय करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ऐसे पांच प्रतिष्ठान के विक्रेताओं के विरुद्ध संबंधित पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उप संचालक कृषि मनोज कश्यप विभागीय अधिकारियों का सभी विकासखण्ड में जांच के लिए दल गठित किया गया था। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान राजनगर में तीन विक्रेताओं और बिजावर के सटई क्षेत्र के दो विक्रेताओं के प्रतिष्ठान में अवैध उर्वरक का व्यापार करते पाया गया। राजनगर के अग्रवाल खाद भण्डार, मेसर्स चौधरी खाद भण्डार और मां शारदा खाद भण्डार में अवैध उर्वरक भण्डारित पाये जाने पर उर्वरक को जब्त किया गया। इसी तरह बिजावर के सटई क्षेत्र में रोहित नायक और अभिषेक जैन, वर्धमान टेडर्स सटई द्वारा लायसेंस के बगैर अवैध उर्वरक विक्रय किया जा रहा था जबकि दुकान का लायसेंस गत वर्ष निलंबित कर दिया गया था। दुकान सीज कर उर्वरक जब्त किया गया है। इन विक्रेताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही और जेल भेजने के लिए एफआइआर दर्ज कराने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने छतरपुर जिले के सभी उर्वरक विक्रेताओं से कृषकों को निर्धारित दर पर ही उर्वरक विक्रय करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि कृषकों को वर्तमान रबी सीजन में फसल बुवाई के लिए उर्वरक क्रय करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। इसी तरह व्यापारियों को डीएपी, एनपीके, यूरिया और एसएसपी उर्वरकों का अवैध भण्डारण न करने की सलाह भी दी गई है। व्यापारियों के विरुद्ध निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक विक्रय करने अथवा उर्वरक के अवैध भण्डारण पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिले के किसान निर्धारित दर पर खाद का क्रय करें और निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरक विक्रय की शिकायत विभागीय अधिकारियों से कर सकते हैं। यूरिया की 45 किलोग्राम की बोरी 266.50 रुपए एवं डीएपी 50 किलोग्राम 1200 रुपए, सिंगल सुपर फास्फेट 50 किलोग्राम 333 रुपए, पोटाश 50 किलोग्राम 1 हजार रुपए तथा एनपीके 50 किलोग्राम 1185 रुपए की दर से बेचने हेतु शासकीय एवं प्राइवेट संस्थानों के लिए निर्धारित की गई हैं।
इनका कहना है किसानों को गुणवत्तायुक्त निर्धारित कीमत पर उर्वरक प्रदान करने के उद्देश्य से कार्रवाई की जा रही है। जिले में इस समय डीएपी उर्वरक 4 हजार 50 मीट्रिक टन एवं यूरिया 12 हजार 649 मीट्रिक टन थोक एवं फुटकर विक्रेताओं के यहां भण्डारित है और शीघ्र ही डीएपी की दूसरी रैक मिलने वाली है।
मनोज कश्यप, उपसंचालक, कृषि
राखी रघुवंशी, विपणन अधिकारी, छतरपुर