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विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर घमासान, नहीं संभल रहीं व्यवस्थाएं

locationछतरपुरPublished: Dec 30, 2018 02:03:45 am

Submitted by:

Neeraj soni

विवि द्वारा मनमाने ढंग से परीक्षाएं कराए जाने के बाद अब पाली अधीक्षक को हटाया, पाली अधीक्षक ने विवि पर लगाए आरोप, कहा अपनी अव्यवस्था का ठीकरा दूसरे पर फोड़ रहा विवि

Fierce, unmanaged arrangements for university exams

Fierce, unmanaged arrangements for university exams

छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि की परीक्षाएं एक साथ कराए जाने को लेकर फैली अव्यवस्थाएं अभी संभल भी नहीं पाई थीं कि गलती का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ा जाने लगा है। शनिवार को महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में लापरवाही एवं अनियमिता के आरोपों को लेकर महाराजा कॉलेज के प्रथम पाली के परीक्षा अधीक्षक डॉ. जेपी मिश्रा को पद से हटा दिया गया है। डॉ. जयप्रकाश मिश्रा पर 31 दिसंबर 18 को होने वाले बीपीएड द्वितीय सेमेस्टर का पेपर 26 दिसंबर को खोलने का आरोप लगाकर यह कार्रवाई की गई है। अपने आदेश में विश्वविद्यालय ने इसे गंभीर मामला मानते हुए डॉ. जय प्रकाश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से पाली अधीक्षक के पद से मुक्त करने का आदेश प्राचार्य महाराजा महाविद्यालय को दिया है। आदेश में कहा गया है कि पेपर काटकर खोलना परीक्षा अधिनियम के खिलाफ एक अपराधिक कृत्य माना जाता है। जिसकी सूचना विश्वविद्यालय द्वारा आयुक्त, उच्च शिक्षा के साथ अतिरिक्त संचालक को भी गोपनीयता भंग करने का पत्र प्रेषित किया गया है। उधर इस कार्रवाई के बाद पाली अधीक्षक डॉ. जेपी मिश्रा ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि अपनी गलती का ठीकरा जानबूझकर दूसरों पर फोड़ा जा रहा है। उधर रजिस्ट्रार का कहना है कि पाली अधीक्षक की गलती के कारण बीपीएड सेकेंड सेम का पेपर फिर से बनवाना पड़ रहा है। यह गंभीर चूक है और सीधी लापरवाही है।
मेरी गलती नहीं, विवि ने कम भेजे थे पेपर :
महाराजा कॉलेज के पाली अधीक्षक डॉ. जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि विवि ने परीक्षा वाले दिन सभी विषयों के करीब ढाई सौ पेपर कम भेजे थे। उन्होंने बताया कि बीएड में 1850 परीक्षार्थी की जगह 1947 बैठे विवि ने 100 पेपर कम भेजे, ऐसे ेंफोटोकापी करानी पड़ी। इसी तरह बीएललएबी में भी 100 भेजे गए। 173 परीक्षार्थी बैठे तो उनकी भी 73 फोटोकापी करानी पड़ी। एलएलबी प्रथम वर्ष के भी 100 पेपर भेज गए। 34 और फोटोकापी करानी पड़ी। उन्होंने बताया कि एक पेपर 10 पेज का था, जिसकी तुरंत फोटोकापी कराई गई और पेपर बटवाने की व्यवस्था की गई। दूसरा केंद्र भी 5 किमी दूर था। वहां भी 558 पेपर भेजना था। आधा घंटा पहले पेपर खोलना फिर फोटोकापी कराना इसके बाद 62 कमरों में बैठे परीक्षार्थियों को 32 तरह के पेपर बांटना पड़ा। वहीं विवि ने परीक्षा के पहले 8.45 बजे बीपीएस सेकेंड सेम के पेपर भेजे। ऐसे में अव्यवस्था हुई और पेपर बांटने के दौरान किसी से अन्य पेपर के पैकेट खुल गए। इसके लिए मैं दोषी नहीं। जानबूझकर किसी षड्यंत्र के तहत यह अव्यवस्था विवि के कुछ लोगों ने फैलाई है। उन्होंने कहा कि 400 सौ परीक्षार्थियों के लिए के आधा घंटे पहले पेपर खोलना फिर कम निकलने पर 10-10 पेज की फोटोकापी करवाना और 62 कमरोंं में बांटना, वह भी 32तरह के पेपर। इसके अलावा पांच किमी दूर लॉ कॉलेज के परीक्षा केंद्र तक 558 पेपर भेजना, एक तरह से करतब करने जैसा काम था, लेकिन किसी तरह इस काम को जिम्मेदारी से किया, लेकिन अपनी गलती की जगह ठीकरा हम पर फोड़ा जा रहा है।
इसलिए हुई गलती
पाली अधीक्षक डॉ. जेपी मिश्रज्ञ ने बताया कि परीक्षा वाले दिन 8.45 पर बीपीएस सेकेंड सेम के पेपर विवि ने भेजा था। उसे रीसीव करने के बाद वे फोटोकापी कराने में लग गए। बाकी स्टाफ पेपर के पैकेट खोलकर पेपर निकालकर बांटने मेंं लगा था। इसी दौरान बीपीएड द्वितीय सेमेस्टर का पेपर वाला पैकेट धोखे से कट गया और वह वितरित हो गया। मैं फोटो कॉपी कराकर पेपर बांटने की व्यवस्था में था। इतनी अव्यवस्थाओं के बीच इस तरह की गलती सामान्य थी। लेकिन उसे आधार बनाकर व्यक्तिगत रंजिश भुनाने जैसा बर्ताव मेरे साथ किया गया है। जबकि परीक्षाओं की व्यवस्था में प्राचार्य से लेकर और भी लोग जवाबदेह होते हैं।
65 कॉलेजों के लिए 57 परीक्षा केंद्रों में हो रही परीक्षाएं :
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा 26 दिसंबर से सागर संभाग के छह जिले के 165 कॉलेजो में अध्ययनरत नियमित और स्वाध्यायी परीक्षाथिज़्यों की परीक्षा शुरू करा दी गई है। इसके लिए इन जिलों में 57 परिक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। छतरपुर में 16, पन्ना में 8, दमोह में 7, सागर में 17, टीकमगढ़ व निवाड़ी में 9 परीक्षा केन्द्रो में परीक्षा चल रही है। इन परिक्षा केन्द्रो में छतरपुर जिले में 65, पन्ना में 20, दमोह में 15, सागर में 41, टीकमगढ़ व निवाड़ी में 24 कुल 165 कॉलेजों के छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं।
जब पेपर भेजे गए थे तब मिलाना चाहिए थे :
हमने एक दिन पहले जब पेपर भेज दिए थे तो उसका मिलान कर लेना चाहिए था। बाद में पेपर कम पड़े तो हमने ही भेजे। आगे की तारीख वाली परीक्षा के पेपर का लिफाफा खोलने का क्या औचित्य था। विवि को फिर से पेपर बनवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक सीनियर प्रोफेसर को इतना तो पता होना चाहिए कि पेपर वितरण की व्यवस्था कैसे की जानी चाहिए। सभी जिलों में पेपर चल रहे हैं, लेकिन केवल महाराजा कॉलेज में ही गड़बड़ी क्यों हुई है। कहीं और से कोई शिकायत नहीं आई। ऐसे में समझ में आता है कि लापरवाही की गई है।
एलएस सोलंकी रजिस्ट्रार, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विवि

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