गठेवरा रोड पर छत्रसाल नगर कॉलौनी में रहने वाले महेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस को दी लिखित शिकायत में बताया कि वह नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के छतरपुर स्थित कार्यालय में सहायक के पद पर कार्यरत है। वह परियोजना निदेशक के आदेश अनुसार भू-अर्जन के कार्यों का निर्वहन करता है। शुक्रवार की रात 9.30 बजे आधा दर्जन नकाबपोश बदमाशों ने उनके घर आकर वाहनों में तोडफ़ोड़ की और फायरिंग करके जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। रात 10 बजे उन्होंने डायल 100 को फोन किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि घटना उनके घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है। लिखित शिकायत में उन्होंने दो लोगों पर वारदात में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद अख्तर पर वारदात में शामिल होने का संदेह जताया है।
मुआवजा वितरण में अफसरों ने की मनमानी, शुरू हो गए विवाद :
नेशनल हाइवे के अधिकारियेां ने मुआवजा वितरण के मामले में जमकर मनमानी की है। अपात्र लोगों को मनमाने ढंग से मुआवजा दे दिया गया। जिनकी जमीनें फोरलेन के दायरे में भी नहीं आई, उन्हें भी मुआवजा दिया गया है। इसी को लेकर अफसरों का विवाद जमीन मालिकों से होने लगा है। बीती रात कर्मचारी के घर हुई फायरिंग की घटना को भी इसी विवाद से जोड़कर बताया जा रहा है। कर्मचारी महेंद्र सिंह चौहान का आरोप है कि चंद्रपुरा में खसरा क्रमांक २४/३ की जमीन जावेद अख्तर और आशीष वाजपेयी के नाम पर दर्ज थी। जिसके अधिग्रहण की कार्रवाई एसडीएम के न्यायालय से पूरी की गई थी। उसी के अनुसार अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पारित किया गया था। लेकिन जावेद अख्तर उनके कार्यालय में बार-बार आकर मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए दवाब डाल रहे थे। उन्होंने ९ जनवरी को मेरे कमरे में आकर भी देख लेने की धमकी दी थी। इसके बाद मेरे घर फायरिंग हो गई।
नेशनल हाइवे के अधिकारियेां ने मुआवजा वितरण के मामले में जमकर मनमानी की है। अपात्र लोगों को मनमाने ढंग से मुआवजा दे दिया गया। जिनकी जमीनें फोरलेन के दायरे में भी नहीं आई, उन्हें भी मुआवजा दिया गया है। इसी को लेकर अफसरों का विवाद जमीन मालिकों से होने लगा है। बीती रात कर्मचारी के घर हुई फायरिंग की घटना को भी इसी विवाद से जोड़कर बताया जा रहा है। कर्मचारी महेंद्र सिंह चौहान का आरोप है कि चंद्रपुरा में खसरा क्रमांक २४/३ की जमीन जावेद अख्तर और आशीष वाजपेयी के नाम पर दर्ज थी। जिसके अधिग्रहण की कार्रवाई एसडीएम के न्यायालय से पूरी की गई थी। उसी के अनुसार अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पारित किया गया था। लेकिन जावेद अख्तर उनके कार्यालय में बार-बार आकर मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए दवाब डाल रहे थे। उन्होंने ९ जनवरी को मेरे कमरे में आकर भी देख लेने की धमकी दी थी। इसके बाद मेरे घर फायरिंग हो गई।
अगर मेरी भूमिका निकले तो मैं फांसी पर भी चढऩे तैयार हूं : जावेद
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद अख्तर ने बताया कि उनके खिलाफ यह साजिश रची गई है। वे पिछले दो दिनों से भोपाल में ही है। प्रदेश संगठन की बेठक में शामिल हुए और मंत्री राठौर से भी उन्होंने मुलाकात की थी। इसके प्रमाण और रिकॉर्ड मेरे पास है। उन्होंने कहा कि एनएच अफसर के एक प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटर पर वे हमला क्यों करवाएंगे। उनका विवाद एनएच के अफसरों से जायज मुआवजा की मांग को लेकर चल रहा था। इस पर हमने उनकी गड़बडिय़ों को उजागर करने की धमकी दी थी। इसलिए ऐसा लग रहा है कि एनएच के अफसरों ने मिलकर ही ऐसी कोई साजिश रची है। उन्होंने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उधर मामले में आरोपी बनाए गए आशीष बाजपेयी का कहना है कि घटना के समय वे एक बैठक एवं तीन शादियों में रहे। वे आज तक महेन्द्र ङ्क्षसह चौहान से मिले भी नहीं हैं बल्कि पता नहीं क्यों उनका नाम एफआईआर में लिखाया गया है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सिविल लाइन थाना प्रभारी विनायक शुक्ला ने बताया कि इस मामले में महेन्द्र ङ्क्षसह चौहान की शिकायत पर जावेद अख्तर एवं आशीष बाजपेयी के विरुद्ध धारा 336, 294, 506बी, 427 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जावेद अख्तर ने बताया कि उनके खिलाफ यह साजिश रची गई है। वे पिछले दो दिनों से भोपाल में ही है। प्रदेश संगठन की बेठक में शामिल हुए और मंत्री राठौर से भी उन्होंने मुलाकात की थी। इसके प्रमाण और रिकॉर्ड मेरे पास है। उन्होंने कहा कि एनएच अफसर के एक प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटर पर वे हमला क्यों करवाएंगे। उनका विवाद एनएच के अफसरों से जायज मुआवजा की मांग को लेकर चल रहा था। इस पर हमने उनकी गड़बडिय़ों को उजागर करने की धमकी दी थी। इसलिए ऐसा लग रहा है कि एनएच के अफसरों ने मिलकर ही ऐसी कोई साजिश रची है। उन्होंने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उधर मामले में आरोपी बनाए गए आशीष बाजपेयी का कहना है कि घटना के समय वे एक बैठक एवं तीन शादियों में रहे। वे आज तक महेन्द्र ङ्क्षसह चौहान से मिले भी नहीं हैं बल्कि पता नहीं क्यों उनका नाम एफआईआर में लिखाया गया है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सिविल लाइन थाना प्रभारी विनायक शुक्ला ने बताया कि इस मामले में महेन्द्र ङ्क्षसह चौहान की शिकायत पर जावेद अख्तर एवं आशीष बाजपेयी के विरुद्ध धारा 336, 294, 506बी, 427 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है।