प्राप्त जानकारी के मुताबिक 28 अप्रेल 2022 को मप्र शासन राजस्व विभाग के उपसचिव चन्द्रशेखर वालिम्बे के द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए छतरपुर जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया था। पत्र में कहा गया है कि मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 13 की उपधारा 3 के अंतर्गत राज्य सरकार छतरपुर के लवकुशनगर अनुविभाग की सीमाओं को परिवर्तित करने एवं नवीन अनुविभाग गौरिहार का सृजन करने का प्रस्ताव कर रही है। इस प्रस्ताव के अंतर्गत लवकुशनगर अनुविभाग में तहसील लवकुशनगर के पटवारी हल्का नं. 1 से 28 तक एवं तहसील चंदला के पटवारी हल्का नं. 1 से 39 तक कुल 67 पटवारी हल्के शामिल किए जाएंगे जबकि नवीन अनुविभाग गौरिहार में गौरिहार के सभी हल्का पटवारी नं. 1 से लेकर 74 तक सम्मिलित होंगे। इस अनुविभाग का मुख्यालय गौरिहार होगा।
अनुविभाग बनने से बढ़ेंगी सुविधाएं
उल्लेखनीय है कि अब तक जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूरी पर स्थित गौरिहार क्षेत्र के लोगों को प्रशासनिक कामकाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस क्षेत्र के लगभग 50 से ज्यादा गांव में रहने वाले लोगों को एसडीएम कार्यालय से जुड़े कामकाज के लिए लवकुशनगर आना पड़ता है जब गौरिहार को अनुविभाग बनाया जाएगा तो यहां एसडीएम और एसडीओपी कार्यालय भी खुलेंगे। विकासखण्ड मुख्यालय होने के कारण यहां सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक कामकाज का विस्तार हो सकेगा। फिलहाल शासन ने अधिसूचना जारी करते हुए 12 जून तक आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए हैं। एक माह का समय निकलने के बाद गौरिहार विकासखण्ड गठन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अब तक जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूरी पर स्थित गौरिहार क्षेत्र के लोगों को प्रशासनिक कामकाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस क्षेत्र के लगभग 50 से ज्यादा गांव में रहने वाले लोगों को एसडीएम कार्यालय से जुड़े कामकाज के लिए लवकुशनगर आना पड़ता है जब गौरिहार को अनुविभाग बनाया जाएगा तो यहां एसडीएम और एसडीओपी कार्यालय भी खुलेंगे। विकासखण्ड मुख्यालय होने के कारण यहां सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक कामकाज का विस्तार हो सकेगा। फिलहाल शासन ने अधिसूचना जारी करते हुए 12 जून तक आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए हैं। एक माह का समय निकलने के बाद गौरिहार विकासखण्ड गठन किया जाएगा।