पानी मिले, पलायन रुके, ट्रैफिक व्यवस्था में भी हो सुधार
छतरपुरPublished: Mar 24, 2019 10:53:23 am
– पत्रिका के चेंजमेकर्स-वालेंटियर्स और प्रबुद्ध नागरिकों ने चुनाव के लिए तय किए मुद्दे
छतरपुर। संडे पॉलिटिकल क्लब की मीटिंग इस बार शहर के हनुमान टौरिया पर हुई। पत्रिका के चेंजमेकर्स और वालेंटियर्स सहित प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मुद्दे तय किए। लोगों ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय समस्याओं और विकास को भी चुनाव में प्रमुखता दी जानी चाहिए। इस मीटिंग में तीन दर्जन से लोग शामिल हुए। रिटायर प्रोफेसर एमसी अवस्थी ने कहा कि कोई भी नेता किसी भी क्षेत्र से जीतता है वह खुद के विकास करने की चेष्टा करता है। गरीबी, अत्याचार, पानी और सड़क की समस्या पर कोई भी नेता ध्यान नहीं देता है। केशव अग्रवाल ने कहा कि पूरे शहर में कहीं भी पार्किंग नहीं है। जानवर शहर में खुले घूमते रहते हैं। इससे सड़क हादसे होते हैं, कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। लेकिन इस समस्या पर कोई भी ध्यान नहीं देता। चेंजमेकर संतोष मिश्रा ने कहा सबसे ज्वलंत समस्या यहां पानी की है। बारिश नहीं होने के कारण खेती हो नहीं पा रही है। किसान परेशान है, वह पलायन करने के लिए परेशान है। किसान सबसे ज्यादा परेशान है उसकी फसलें जानवर चर जाते हैं। आवागमन की भी समस्या है। सड़कें बनीं, लेकिन उसका मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। एडवोकेट अनिल रावत ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं के अलावा स्वास्थ्य की समस्या भी गंभीर विषय है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर घोषणा हुई, लेकिन इस दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है। कई लोगों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हो जाती है। जो भी प्रतिििध चुनकर आएं वे स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करें। उन्होंने कहा कि शहर का ट्रॉफिक सिस्टम भी सुधारा जाए। रामसेवक गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र में कोई उद्योग नहीं है। वेरोजगारी की गंभीर समस्या है। एनटीपीसी प्लांट लगाने की पहल हुई थी, वह भी अधूरा पड़ा है। युवा रोजगार की तलाश में बाहर जाने मजबूर है। यातायात की भी गंभीर समस्या है। व्यवसायी अशोक अग्रवाल ने कहा कि अतिक्रमण और यातायात की समस्या से लोग परेशान है। आवारा पशुओं के कारण भी लोग हर दिन समस्या से जूझ रहे हैं। इन मुद्दों पर भी बात होनी चाहिए, ताकि लोगों को बड़ी राहत मिल सके। वक्ताओं ने प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर किताबें और यूनिफार्म बेचने का धंधा हो रहा है, इसे भी रोका जाना चाहिए। हर साल स्कूल वाले अपनी किताबें बदल देते हैं, जिससे पुरानी किताबें रद्दी हो जाती हैं सीताराम कुशवाहा ने कहा कि पानी का क्षेत्र मेंं गंभीर संकट है। नेताओं की सोच इस दिशा में दूरगामी नहीं है, इस कारण हर साल गर्मियों के आने से पहले सही जलसंकट बढ़ जाता है। नदी जोड़ो योजना पर काम बहुत धीमी रफ्तार में चल रहा है, इस कारण बुंदेलखंड की समस्या खत्म नहीं हो पा रही है। लखनलाल मिश्रा ने कहा कि सरकारी योजनाओं का राजनीतिकरण हो जाता है। सरकार बदलते ही बड़े एजेंडे पर काम रुक जाती है। जगपाल सिंह गौर ने कहा कि स्थानीय समस्याओं पर भी नेताओं को जोर देना चाहिए। जल संकट की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए। अनिल सोनी ने कहा कि क्षेत्र के विकास में सबसे बड़ी बाधा बदहाल यातायात है। सड़क पर चार पहिया वाहन से निकलना मुश्किल होता है। तीन हाइवे यहां से निकले हैं, जिसके कारण आए दिन सड़क हादसा होते रहते हैं। रिंग रोड बनाने के लिए कोई भी काम नहीं हुआ। इस मौके पर गोकुल नौगरईया, शकरप्रसाद तिवारी, रामसहाय राय सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे।