उधर दूसरी तरफ छतरपुर जिले में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घट रहे हैं। शनिवार को एक बार फिर 236 जांचों में कुल 6 पॉजिटिव मरीज सामने आए जिनमें 3 छतरपुर, 2 घुवारा और एक खजुराहो का मरीज शामिल है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक छतरपुर के चेतगिरि कॉलोनी में एक 30 वर्षीय महिला, शांतिनगर कॉलोनी में 37 वर्षीय पुरूष और रामाजीनगर कॉलोनी में 50 वर्षीय महिला संक्रमित मिली है। इसी तरह घुवारा के वार्ड क्रमांक 13 में 48 वर्षीय महिला और 18 वर्षीय युवक में संक्रमण पाया गया है। खजुराहो के वार्ड क्रमांक 9 से भी 35 वर्षीय महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
दो सप्ताह से नहीं करना पड़ रहा रेफर
एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के मरीज कम मिल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जो मरीज मिल रहे हैं उनमें भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से गंभीर हालत में एक भी मरीज को रेफर नहीं किया गया है। जिले के 5 लोग फिलहाल अपनी मर्जी से बाहर इलाज करा रहे हैं। वहीं 47 मरीज स्वेच्छा से अपने घरों में ही इलाज करा रहे हैं। इसी तरह शनिवार को भी 16 मरीजों को कोविड सेंटर और होम आइसोलेशन से छुट्टी मिली।
एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के मरीज कम मिल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जो मरीज मिल रहे हैं उनमें भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से गंभीर हालत में एक भी मरीज को रेफर नहीं किया गया है। जिले के 5 लोग फिलहाल अपनी मर्जी से बाहर इलाज करा रहे हैं। वहीं 47 मरीज स्वेच्छा से अपने घरों में ही इलाज करा रहे हैं। इसी तरह शनिवार को भी 16 मरीजों को कोविड सेंटर और होम आइसोलेशन से छुट्टी मिली।
सावधानी इसलिए जरूरी
भले ही कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे हों और मरीजों में साधारण लक्षण मिल रहे हों लेकिन मेडिकल विशेषज्ञ बताते हैं कि एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों में से बड़ी आबादी विभिन्न दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीडि़त हो जाती है। रिसर्च में ठीक हो चुके लोगों के फेफड़ों में बाद में गंभीर समस्याएं पाई गई हैं इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ लापरवाही बरतने की छूट नहीं देते। जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क लगाना, फिजिकल दूरी रखना और बार-बार हाथों को धोना बेहद जरूरी है।
भले ही कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगे हों और मरीजों में साधारण लक्षण मिल रहे हों लेकिन मेडिकल विशेषज्ञ बताते हैं कि एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों में से बड़ी आबादी विभिन्न दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीडि़त हो जाती है। रिसर्च में ठीक हो चुके लोगों के फेफड़ों में बाद में गंभीर समस्याएं पाई गई हैं इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ लापरवाही बरतने की छूट नहीं देते। जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क लगाना, फिजिकल दूरी रखना और बार-बार हाथों को धोना बेहद जरूरी है।