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भूमिहीन के नाम पर पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य पर बेच दिया अनाज

locationछतरपुरPublished: Oct 29, 2020 08:58:33 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

समितियों के जरिए खरीदी में घोटाला पर नहीं होती कार्रवाईफर्जी पंजीयन पर खपाया जाता है बाजार का अनाज

No action is taken on scam in purchase

No action is taken on scam in purchase

छतरपुर/बड़ामलहरा। समर्थन मूल्य पर खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जाती है। भूमिहीन लोगों को किसान बताकर उनके नाम का पंजीयन कराया जाता है। फिर उस पंजीयन पर बाजार का गेहूं, उड़द सरक ार को उंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाया जाता है। किसानों की उपज का बेहतर मूल्य देने के लिए समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदी करती है, लेकिन घोटालेबाज किसानों के नाम पर अनाज बेचकर लाखों कमा लेते हैं। ऐसे मामलों में कभी-कभार शिकायतें हो भी जाती हैं, तो अधिकारी जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
फर्जीवाड़ा की शिकायत, पांच महीने बाद भी कार्रवाई नहीं
सेवा सहकारी समिति बमनौरा में समर्थन मूल्य पर मई माह में गेंहूं खरीदी की गई। इस खरीदी में अमानक अनाज और भूमिहीन किसानों से गेंहूं खरीदनें का मामला सामने आया था। ग्रामीणों ने मामले की लिखित शिकायत तहसील घुवारा में करते हुए कार्रवाई की मांग भी की, लेकिन पांच महीने बाद भी न तो जांच पूरी हुई, न ही घोटाले पर कोई कार्रवाई की गई।
ये है मामला
ग्रामीणों ने तहसीलदार को आवेदन देकर फर्जी पंजीयन के नाम पर खरीदी की शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया कि, हरनारायण अवस्थी, लक्ष्मन अवस्थी निवासी मोटाखेरा, कमलेश पाल, हरप्रसाद पाल व दामोदर पाल निवासी बमनौरा के नाम हल्का क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि नहीं है। इन भूमिहीन लोगों के नाम से समर्थन मूल्य पर अनाज व्रिकय करने के लिए पंजीयन किया गया। शिकायत में बताया गया कि वर्ष 2020- 21 की खरीदी में पांच भूमिहीन ग्रामीणों के पंजीयन पर 750.924 क्विंटल गेंहूं विक्रय किया गया और उसका भुगतान भी ले लिया गया।
पटवारी ने बताया भूमिहीन
वहीं, बमनौरा हल्का में पदस्थ्य पटवारी प्रशांत तिवारी ने बताया कि इन लोगों के नाम हल्का क्षेत्र में कृषि भूमि नहीं हैं। पंजीयन संबंधी जानकारी पूछने पर बताया कि, समर्थन मूल्य पर अनाज विक्री हेतु सेवा सहकारी समिति के माध्यम से कृषक पंजीयन होता है। बगैर भूमि के इन किसानों का पंजीयन कैसे हुआ इसकी जानकारी संबंधित समिति से मिलेगी।
जिम्मेदारों ने ग्रामीणों पर डाल दी बात
सेवा सहकारी समिति में पदस्थ्य कंप्यूटर ऑपरेटर बताते है कि, वर्ष 2020-21 की खरीदी के लिए किसानों द्वारा शासन के पोर्टल पर अपने अपने मोबाइल फोन या साइबर कैफे पर कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन किया गया है। इसमें दर्शाई गई वांछित जानकारी किसान द्वारा स्वयं दी गई है और दी गई जानकारी सही है या गलत इसकें लिए किसान खुद जिम्मेदार है।
शासन से धोखाधड़ी, फिर भी कार्रवाई नहीं
फर्जी पंजीयन पर अनाज विक्रय कर लाखों रुपए का गोलमाल किया गया है। इसके साथ ही शासन के साथ धोखाधडी की गई है। ग्रामीण बताते है कि, वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य खरीदी मामले में फर्जी पंजीयन का खेल अकेले बमनौरा समिति ही नहीं बल्कि बडामलहरा विकासखंड क्षेत्र की अनेक समितियों में ऐसे मामले हैं। समर्थन मूल्य खरीदी मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।

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