छतरपुर। अतिथि शिक्षक संगठन समिति ने बुधवार को शहर में अपने प्रस्तावित आंदोलन के तहत जिलेभर के अतिथि शिक्षकों को जोड़कर बड़ा प्रदर्शन किया। छत्रसाल चौक पर आमसभा करने के बाद अतिथि शिक्षक रैली निकालकर कलेक्टे्रेट पहुंचे और यहां पर प्रशासन का घेराव करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में छतरपुर के अलावा पन्ना, टीकमगढ़ और दमोह से भी अतिथि शिक्षक शामिल हुए।
अतिथि शिक्षक संगठन ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश नेतृत्व के आव्हान बुधवार को शहर में प्रदर्शन किया। छत्रसाल चौक पर सुबह 11 बजे से ही जिले के हर ब्लाक के अतिथि शिक्षक समूहों में पहुंचने लगे थे। बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं। यहां पर सभा में अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश से आए प्रांत अध्यक्ष शंभूशण दुबे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुनील परिहार, शिविम मिश्रा ने सभा को संबोधित कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार को अतिथि शिक्षों की विभागीय परीक्षा लेकर जल्द नियमितीकरण करना चाहिए। अन्यथा पूरे प्रदेश के अतिथि शिक्षक सड़कों पर उतरकर हला बोल-पोल खोल आंदोलन करेंगे और जनता को सरकार की खामियां बताकर सरकार का तख्ता पलट कर देंगे। उन्होंने कहा कि आगामी आंदोलन आर-पार का निर्णायक होगा।
महारौली निकालकर कलेक्टर का घेराव कर दिया ज्ञापन :
अतिथि शिक्षकों ने सभा के बाद अपने हाथों में मांगें लिखी तख्तियां लेकर छत्रसाल चौक से कलेक्टोरेट तक महरौली निकाली। इसके बाद यहां का घेराव करके आधा घंटे तक प्रदर्शन किया। अधिकारियों के आने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार जल्द ही अतिथि शिक्षकों के पंचायत बुलाए और गुरूजी की तरह विभागीय परीक्षा कराकर उन्हें स्थाई किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट भी अतिथि शिक्षकों के मामले में साफ कह चुका है कि अस्थाई दो-तीन माह का हो सकता है, सालों से सेवा दे रहे कर्मचारी को अस्थाई नहीं कहा जा सकता है। यदि सरकारें स्थाई नहीं कर सकती तो स्कूल बंद कर दें। मप्र सरकार ने इसी के चलते १५ हजार स्कूल बंद भी कर दिए हैं। लेकिन अतिथि शिक्षकों को स्थाई नहीं किया है। अतिथि शिक्षकों को जबलपुर हाईकोर्ट से गुरूजी की तरह स्थाई किए जाने का आदेश भी पारित हो चुका है, लेकिन सरकार अमल में नहीं ला रही है।
हम वोटों की ताकत से हिला देंगे सरकार :
संगठन के जिलाध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि अतिथि शिक्षक इस बार प्रदेश सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेगी। मप्र में 84000 अतिथि शिक्षक रजिस्टर्ड व पुराने मिलाकर एक लाख के ऊपर है। उनके परिवार, रिश्तेदारों व मित्रों को मिलका 15-20 लाख वोटों की ताकत अतिथि शिक्षक रखते हैं। सरकार का तख्ता पलट में अतिथि शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यदि गुरूजी की तरह नियमित नहीं किया जाता है तो आगे हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।