scriptदोनों डोज लेने के बाद भी स्वस्थ्यकर्मी की कोरोना से मौत | Healthy worker dies of corona even after taking both doses | Patrika News

दोनों डोज लेने के बाद भी स्वस्थ्यकर्मी की कोरोना से मौत

locationछतरपुरPublished: May 18, 2021 07:37:15 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

दवाई के साथ कड़ाई भी जरूरी, पहले पत्नी ने जान गवाई,दो हफ्ते बाद पति की मौतवैेक्सीन लगवाकर लापरवाह न बने, मास्क जरूर लगाएं

पहले पत्नी ने जान गवाई,दो हफ्ते बाद पति की मौत

पहले पत्नी ने जान गवाई,दो हफ्ते बाद पति की मौत

छतरपुर। अगर आप ये सोच रहे हैं कि वेक्सीन लगने बाद आप कोरोना के प्रति लापरवाह हो सकते हैं तो आप गलत हैं। वेक्सीन के बाद भी आप कोरोना संक्रमण के न सिर्फ शिकार हो सकते हैं बल्कि इससे मौत भी हो सकती है। छतरपुर जिले में सामने आया एक ऐसा ही मामला वेक्सीन के 100 फीसदी सुरक्षित नही होने की तस्दीक कर रहा है। जिले के मातगुवां अस्पताल में पदस्थ एक 55 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी की कोरोना से जान चली गई। स्वास्थ्यकर्मी को जनवरी और फरवरी में ही वेक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे इसके बाद भी कोरोना से उसकी मौत हो गई। चौकाने वाली बात ये है कि स्वास्थ्यकर्मी खुद ही टीकाकरण का मातगुआ सेक्टर कोल्ड चैन हैंडलर था। उसे कोई अन्य बीमारी यहां तक कि शुगर और ब्लडप्रेशर की शिकायत भी नही थी। फिर भी वायरस ने उसके फेफड़ों को इस कदर संक्रमित किया कि उनकी मौत हो गई।

पहले पत्नी ने जान गवाई,दो हफ्ते बाद पति की मौत
कोरोना महामारी ने अनेक परिवारों को बुरी तरह तबाह कर दिया है। ताजा मामला मातगुआ अस्पताल में पदस्थ 55 साल के रंजोड़ी अहिरवार का है। रंजोड़ी अहिरवार मातगुआ अस्पताल में बतौर बहुउद्देशीय स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर कार्यरत थे। उनकी ड्यूटी ढडारी कोविड सेंटर में भी लगाई गई थी। एक कोरोना योद्धा के रूप में लगातार सेवाएं दे रहे रंजोड़ी अहिरवार की पत्नी ललिता अप्रेल के आखरी सप्ताह में कोरोना पॉजिटिव हुई थीं। उनका उपचार भोपाल के एक निजी अस्पताल में हुआ जहां रंजोड़ी अहिरवार भी देखरेख करते रहे। पत्नी ने दो सप्ताह पहले भोपाल में ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद रंजोड़ी अहिरवार भी कोरोना की चपेट में आ गए। रंजोड़ी को पहले जिला अस्पताल में,फिर कुछ दिन ढडारी कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। तीन दिन पहले हालत बिगडऩे पर उनको नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फेफड़ों में अत्यधिक संक्रमण हो जाने के कारण 17 मई को उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। चौकाने वाली बात ये है कि रंजोड़ी अहिरवार को फ्रंटलाइन वर्कर होने के कारण जनवरी और फरवरी में वेक्सीन के दोनों डोज भी लग चुके थे।इसके बाद भी वे न सिर्फ कोरोना की चपेट में आये बल्कि उनकी मौत भी हो गई। रंजोड़ी अहिरवार की चार बेटियां और एक बेटा अपने मंा और पिता दोनों को खो चुके हैं। परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
ये कहना है विशेषज्ञों का
पूर्व सिविल सर्जन डॉ. आरएस त्रिपाठी कहते है कि देखिये हर आदमी का शरीर हर वेक्सीन के प्रति अलग व्यवहार कर सकता है। हो सकता है कि आपकी इम्युनिटी इतनी कमजोर हो कि आपके शरीर मे वेक्सीन के बाद भी एंटीबॉडी उतनी मात्रा में न बने जितनी कि जरूरत होती है। इसके अलावा कई बार मनोबल कम होने,सदमा लगने से भी दवाएं शरीर पर असर नही करती हैं। दोनों डोज लगने के बाद भी मौत होने का मतलब यह नही है कि वैक्सीन इफेक्टिव नही है। इस तरह के मामले अपवाद हैं। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी वेक्सीन 100 फीसदी असरकारी नही होती है। इसका हर शरीर पर अलग प्रभाव होता है। यह भी ध्यान देना चाहिए कि लाखों लोगों को वेक्सीन के कारण ही कोरोना से बचने में सहायता मिल रही है। हमे एक बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि वैक्सीन के बाद भी हमें लापरवाह नही होना है। मास्क लगाना,शारीरिक दूरी रखना,हाथ धोना,अच्छा खानपान और नियमित व्यायाम जरूरी है।

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