शनिवार से रविवार तक लगातार चली मशीनें
छतरपुर प्रशासन की टीम की दबिश के बाद से बीरा 2 में रेत का अवैध उत्खनन फिलहाल तो बंद हो गया है, लेकिन बीरा के आसपास से रात में नदी से रेत निकालकर छतरपुर की सीमा में डंप की जा रही है। इतना ही नहीं बीरा-2 के पास सुनाहरा में अवैध उत्खनन दिन-रात जारी है। शनिवार को भी हैवी मशीन से सुनाहरा में नदी के पानी से रेत निकाली गई और रविवार को भी अवैध उत्खनन धडल्ले से जारी रहा। सुनहारा में एक हैवी मशीन से पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। नदी घाट की रास्ता नहीं होने से माफिया एक बार में एक से दो डंफर ही नदी में रेत के लिए उतार रहे हैं। बाकी पुल के उसपार पन्ना जिले की सीमा में अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं। सुनाहरा से दिन और रात रेत निकालकर इन्हीं डंफरों-ट्रकों के जरिए सप्लाई की जा रही है। सुनाहरा से अवैध रुप से निकाली गई रेत को पन्ना जिले की सीमा में ही ट्रकों-डंफरों में भरकर सतना, बांदा भेजा जा रहा है।
छतरपुर प्रशासन की टीम की दबिश के बाद से बीरा 2 में रेत का अवैध उत्खनन फिलहाल तो बंद हो गया है, लेकिन बीरा के आसपास से रात में नदी से रेत निकालकर छतरपुर की सीमा में डंप की जा रही है। इतना ही नहीं बीरा-2 के पास सुनाहरा में अवैध उत्खनन दिन-रात जारी है। शनिवार को भी हैवी मशीन से सुनाहरा में नदी के पानी से रेत निकाली गई और रविवार को भी अवैध उत्खनन धडल्ले से जारी रहा। सुनहारा में एक हैवी मशीन से पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। नदी घाट की रास्ता नहीं होने से माफिया एक बार में एक से दो डंफर ही नदी में रेत के लिए उतार रहे हैं। बाकी पुल के उसपार पन्ना जिले की सीमा में अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं। सुनाहरा से दिन और रात रेत निकालकर इन्हीं डंफरों-ट्रकों के जरिए सप्लाई की जा रही है। सुनाहरा से अवैध रुप से निकाली गई रेत को पन्ना जिले की सीमा में ही ट्रकों-डंफरों में भरकर सतना, बांदा भेजा जा रहा है।
रात के अंधेरे में छतरपुर से महोबा जा रही रेत
छतरपुर जिले की खदानों से अवैध रुप से निकाली गई रेत को लवकुशनग के रास्ते महोबा सप्लाई का काला कारोबार फिर से शुरु हो गया है। चंदला इलाके की खदानों व पन्ना जिले की सीमावर्ती खदानों से रेत का अवैध उत्खनन कर डंफरों के माध्यम से चंदला , लवकुशनगर, श्रीनगर होते हुए महोबा भेजी जा रही है। रेत से ओवरलोड भरे डंफर पूरी रात चंदला से लवकुशनगर होते हुए महोबा चलते हैं। हालांकि सुबह उजाला होते ही अवैध परिवहन बंद हो जाता है। शाम 4 बजे के बाद खाली डंफरों का लवकुशनगर-चंदला मार्ग पर जमावड़ा लग जाता है, जो रात के अंधेरे में नदी से निकाली गई अवैध रेत को रातभर परिवहन करते हैं।
छतरपुर जिले की खदानों से अवैध रुप से निकाली गई रेत को लवकुशनग के रास्ते महोबा सप्लाई का काला कारोबार फिर से शुरु हो गया है। चंदला इलाके की खदानों व पन्ना जिले की सीमावर्ती खदानों से रेत का अवैध उत्खनन कर डंफरों के माध्यम से चंदला , लवकुशनगर, श्रीनगर होते हुए महोबा भेजी जा रही है। रेत से ओवरलोड भरे डंफर पूरी रात चंदला से लवकुशनगर होते हुए महोबा चलते हैं। हालांकि सुबह उजाला होते ही अवैध परिवहन बंद हो जाता है। शाम 4 बजे के बाद खाली डंफरों का लवकुशनगर-चंदला मार्ग पर जमावड़ा लग जाता है, जो रात के अंधेरे में नदी से निकाली गई अवैध रेत को रातभर परिवहन करते हैं।