राजनगर में सबसे ज्यादा, छतरपुर में सबसे कम लोगों ने मांगा काम
मनरेगा के तहत जिले के आठ ब्लॉक में सबसे ज्यादा रोजगार मांगने वाले राजनगर ब्लॉक में सामने आए हैं। वहीं छतरपुर ब्लॉक के लोगों ने सबसे कम काम मांगा है। अप्रेल 2021 में जिले के 56 हजार 175 लोगों ने रोजगार मांगा, वहीं मई में 54696, जून में 64910 और जुलाई में 50439 लोगों ने रोजगार की मांग की। इसमें राजनगर ब्लॉक में अप्रेल में सबसे ज्यादा 9400 लोगों ने रोजगार मांगा, वहीं मई में लवकुशनगर में सबसे ज्यादा 9201 लोगो ने काम मांगा, वहीं, जून माह में राजनगर में सबसे ज्यादा 10500 और लवकुशनगर में 10119 लोगों ने काम मांगा। वहीं, जुलाई में भी राजनगर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 6941 लोगों ने काम की ङ्क्षडमांड की।
मनरेगा के तहत जिले के आठ ब्लॉक में सबसे ज्यादा रोजगार मांगने वाले राजनगर ब्लॉक में सामने आए हैं। वहीं छतरपुर ब्लॉक के लोगों ने सबसे कम काम मांगा है। अप्रेल 2021 में जिले के 56 हजार 175 लोगों ने रोजगार मांगा, वहीं मई में 54696, जून में 64910 और जुलाई में 50439 लोगों ने रोजगार की मांग की। इसमें राजनगर ब्लॉक में अप्रेल में सबसे ज्यादा 9400 लोगों ने रोजगार मांगा, वहीं मई में लवकुशनगर में सबसे ज्यादा 9201 लोगो ने काम मांगा, वहीं, जून माह में राजनगर में सबसे ज्यादा 10500 और लवकुशनगर में 10119 लोगों ने काम मांगा। वहीं, जुलाई में भी राजनगर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 6941 लोगों ने काम की ङ्क्षडमांड की।
जून में मिला सबसे ज्यादा रोजगार
मनरेगा के तहत जून माह में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। अप्रेल में 42908 लोगों को रोजगार मिला। वहीं, मई में 41228 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया, वहीं, जून में सबसे ज्यादा 51029 लोगों को रोजगार मिला। वहीं, जुलाई में 30027 लोग रोजगार पा सके। चार महीने में सबसे ज्यादा रोजगार मांगने व पाने में राजनगर ब्लॉक सबसे आगे रहा। वहीं बक्स्वाहा में भी लोगों को अन्य ब्लॉकों की तुलना में ज्यादा काम मिल सका। राजनगर में अप्रेल में 7667, मई में 6816, जून में 8779 और जुलाई में 5711 लोगों को रोजगार मिला। वहीं बक्स्वाहा में अप्रेल में 6017, मई में 6622, जून में 6540 और जुलाई में 3783 लोगों को मनरेगा से रोजगार मिल पाया है।
मनरेगा के तहत जून माह में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। अप्रेल में 42908 लोगों को रोजगार मिला। वहीं, मई में 41228 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया, वहीं, जून में सबसे ज्यादा 51029 लोगों को रोजगार मिला। वहीं, जुलाई में 30027 लोग रोजगार पा सके। चार महीने में सबसे ज्यादा रोजगार मांगने व पाने में राजनगर ब्लॉक सबसे आगे रहा। वहीं बक्स्वाहा में भी लोगों को अन्य ब्लॉकों की तुलना में ज्यादा काम मिल सका। राजनगर में अप्रेल में 7667, मई में 6816, जून में 8779 और जुलाई में 5711 लोगों को रोजगार मिला। वहीं बक्स्वाहा में अप्रेल में 6017, मई में 6622, जून में 6540 और जुलाई में 3783 लोगों को मनरेगा से रोजगार मिल पाया है।
छतरपुर ब्लॉक में सबसे कम रोजगार
जिले के आठ ब्लॉकों में सबसे कम रोजगार छतरपुर ब्लॉक के गांवों में मांगा और मिला है। अप्रेल में 4546 लोगों ने रोजगार मांगा, लेकिन 3336 लोगों को ही रोजगार मिला। वहीं मई में 4504 लोगों के काम मांगने पर 3479 लोगों को ही काम मिल सका। इसी तरह जून में 6324 लोगों के काम मांगने पर 5152 लोगों को काम मिल सका। वहीं, जुलाई में काम मांगने वाले 5222 लोगों में से
2941 लोगों को ही रोजगार मिल पाया।
जिले के आठ ब्लॉकों में सबसे कम रोजगार छतरपुर ब्लॉक के गांवों में मांगा और मिला है। अप्रेल में 4546 लोगों ने रोजगार मांगा, लेकिन 3336 लोगों को ही रोजगार मिला। वहीं मई में 4504 लोगों के काम मांगने पर 3479 लोगों को ही काम मिल सका। इसी तरह जून में 6324 लोगों के काम मांगने पर 5152 लोगों को काम मिल सका। वहीं, जुलाई में काम मांगने वाले 5222 लोगों में से
2941 लोगों को ही रोजगार मिल पाया।
प्रशासन की सख्ती से हुआ सुधार
प्रवासी मजदूरों को गांव में ही काम मिले इसके लिए प्रशासन ने मनरेगा के तहत सभी कामों में मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में काम दिलाने को लेकर काम किया। सभी पंचायतों में रोजाना 200 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में पीछे रहने वाली पंचायतों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की गई। इसका नतीजा ये निकला की हर महीने काम मिले वालों और काम मांगने वालों की संख्या बढ़ी है। हालांकि .ये भी है कि योजना के तहत प्रशासन सभी लोगों को काम नहीं दिला पाया है। 73 फीसदी लोग योजना से लाभांवित हुए, जबकि 27 फीसदी लोगों के लिए योजना कारगर नहीं रही। जिन्हें काम नहीं मिला तो वे खेती से जुड़ गए या फिर लौटकर वापस महानगरों की ओर चले गए।
प्रवासी मजदूरों को गांव में ही काम मिले इसके लिए प्रशासन ने मनरेगा के तहत सभी कामों में मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में काम दिलाने को लेकर काम किया। सभी पंचायतों में रोजाना 200 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में पीछे रहने वाली पंचायतों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की गई। इसका नतीजा ये निकला की हर महीने काम मिले वालों और काम मांगने वालों की संख्या बढ़ी है। हालांकि .ये भी है कि योजना के तहत प्रशासन सभी लोगों को काम नहीं दिला पाया है। 73 फीसदी लोग योजना से लाभांवित हुए, जबकि 27 फीसदी लोगों के लिए योजना कारगर नहीं रही। जिन्हें काम नहीं मिला तो वे खेती से जुड़ गए या फिर लौटकर वापस महानगरों की ओर चले गए।
फैक्ट फाइल माह लोगों को रोजगार मिल
्अप्रेल 2021 42908
मई 2021 42228
जून 2021 51029
जूलाई 2021 30027
्अप्रेल 2021 42908
मई 2021 42228
जून 2021 51029
जूलाई 2021 30027