छतरपुरPublished: Mar 05, 2019 01:51:48 am
हामिद खान
किसानों के साथ की धोखाधड़ी, सात मामलों में उपभोक्ता फोरम ने राशि लौटाने के दिए आदेश
In five years the money was doubled by making a hoax
छतरपुर. एनटीपीसी प्लांट में जमीन अधिग्रहित होने से मालामाल हुए किसानों को ठगने वाली कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम ने सात आदेश पारित किए हैं। फोरम ने ये आदेश किसानों के आवेदन पर देते हुए पीडि़तों को मूल राशि व सात फीसदी ब्याज के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति और परिवाद व्यय देने के आदेश दिए हैं। रेकॉर्ड में कृषि व पर्यावरण सुधार का काम करने वाली कंपनी ने बैकिंग का काम करते हुए साढ़े पांच साल में रकम दो गुना करने का झांसा देकर किसानों से निवेश कराया और समय पूरा होने पर योजना बदलने की बात कहकर रुपया लौटाने से मना कर दिया। किसान कंपनी के चक्कर लगाते रहे, लेकिन रकम नहीं मिली तो जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किया, जिस पर फोरम ने रुपया लौटाने का आदेश दिया है।
राजनगर विकासखंड के सांदनी, बांदनी, बरेठी गांव में एनटीपीसी प्लांट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया। इसमें सैकड़ों किसानों की जमीन चली गई, इसके बदले शासन द्वारा किसानों को मुआवजा वितरण किया गया। साढ़े पांच साल पहले जब किसानों को मुावजा वितरित किए गए तो कई कपंनियों ने किसानों को निवेश के लिए आर्कषित किया। इस दौरान कई फर्जी कंपनियों ने भी किसानों को अपने झांसे में लिया। पांच साल में रकम दोगुनी करने के नाम पर जेकेवी कंपनी ने किसानों से जमकर निवेश कराया। कृषि एंव पर्यावरण सुधार के नाम पर शहर के सटई रोड पर जेकेवी ईको डवलपर्स इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी खोली गई। कंपनी नारायण बाग निवासी फजल खान व उसके सहयोगी रमेश तिवारी, भुवानीदीन रजक द्वारा शुरू की गई जेकेवी कंपनी बैंकिंग का कार्य करने लगी और साढ़े पांच साल में रकम दो गुनी करने का झांसा देकर किसानों से कंपनी में निवेश कराया। इस पर सांदनी के खरगा आदिवासी ने एक लाख रुपए, सांदनी के देवीदीन कौंदर ने 2 लाख 50 हजार, पूनर आदिवासी ने एक लाख बबलू कुशवाहा ने तीन हजार पचास, महादेव आदिवासी सांदनी ने एक लाख, गनेशी आदिवासी ने एक लाख, मुन्ना कौंदर ने दो लाख जेकेवी कंपनी में निवेश किया। इसके बाद जब किसानों को रकम की जरूरत पड़ी तो उन्होंने कंपनी से संपर्क किया। कंपनी के डायरेक्टर फजल खान ने कहा कि अब कंपनी के नियमों में संशोधन हो गया है। इसलिए अभी रकम दो गुना नहीं मिल सकती है। इसपर किसानों ने जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की।