scriptvideo-खजुराहो में जहां-तहां बिखरी पुरातात्विक धरोहर, संरक्षण की चिंता किसी को नहीं | In Khajuraho there is no scarcity of archaeological heritage, no conc | Patrika News

video-खजुराहो में जहां-तहां बिखरी पुरातात्विक धरोहर, संरक्षण की चिंता किसी को नहीं

locationछतरपुरPublished: Mar 25, 2019 08:41:10 pm

Submitted by:

Neeraj soni

– पुरातत्व विभाग अपनी ही धरोहर की कर रहा अनदेखी, भगवान भरोसे है मंदिरों की सुरक्षा

Archeology Department ignoring the tax of its own heritage, God is trusting the security of the temples

Chhatarpur

नीरज सोनी
छतरपुर। विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग संरक्षित स्मारकों के रखरखाव से लेकर गंभीर नहीं है। वहीं इस पूरे क्षेत्र में जहां-तहां पड़ी प्राचीन धरोहार को सुरक्षित करने में भी पुरातत्व विभाग घोर लापरवाही कर रहा है। इसी उदासीनता का फायदा उठाकर मूर्ति तस्कर यहां की बेशकीमती प्रतिमाओं को गायब करने में लगे हैं। पिछले दिनों खजुराहो में हुए मूर्ति तस्करी के प्रयास और तीन अप्सराओं की मूर्ति चोरी का मामला सामने आने के बाद अब भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग की लापरवाही उजागर होने लगी है। पुरातत्व विभाग केवल पश्चिम समूह मंदिरों में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों से होने वाली आय पर ही केंद्रित होकर रह गया है। इस स्थल के विकास की लंबी-चौड़ी कार्ययोजना बनाई गई थी, लेकिन न तो उस पर अमल हुआ और न ही किसी ने इस दिशा में काम करने में रुचि दिखाई। स्थिति यह हुई कि यह पर्यटन स्थल धीरे-धीरे अपनी पहचान खोने लगा है। पर्यटकों की संख्या भी इसीलिए कम होती चली गई।
चौपड़ा मंडप आज भी है उपेक्षित, कब्जे का हो रहा प्रयास :
पर्यटन नगरी खजुराहो में करीब कुछ साल पहले होटल ललित टेम्पल ब्यू के बगल से ललगुवां रोड पर मंजूरनगर के पास एक विशाल पुरातात्विक धरोहर मिली थी। एक चौपरा में भव्य मंडप की शिल्प कृति मिलने पर पुरातत्व विभाग ने इसे अपने आधिपत्य में ले लिया था। लेकिन कुछ साल पहले यहां पर एक धर्म विशेष के लोगों ने इबादत शुरू कर दी थी। वहीं दूसरे धर्म के लोग भी यहां पर पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचने लगे थे। इस धरोहर पर जब कब्जे का प्रयास हुआ तो पुरातत्व विभाग के तत्कालीन अधीक्षक राहुल तिवारी ने इस स्थल की तार फेंसिंग करवा दी थी। बीच में यहां पर सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक गार्ड की भी ड्यूटी लगाई जाने लगी, लेकिन इस स्थल के विकास के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं हुआ। खुदाई के बीच इस चौपरा को संरक्षित करके विभाग ने इसे अपने अधीन तो कर लिया, लेकिन उसका विकास नहीं हुआ। धीरे-धीरे यह स्मारक क्षतिग्रस्त होकर जहां जर्जर हो चला है, वहीं यहां की मूर्तियां और अन्य शिल्प पत्थर भी चोरी होने लगे हैं। दूसरी ओर इस पुरातात्विक धरोहर को धार्मिक स्थल के रूप में बदलने के लिए भी प्रयास किए जाने लगे हैं। तार फेंसिंग को भी नुकसान पहुंचाया गया है। दूसरी सबसे बड़ी जो लापरवाही हुई है, वह इस स्थल के मेंटेनेंस को लेकर हो रही है। चौपरा की सीढिय़ां क्षतिग्रस्त होकर इसी में गिरती जा रही है। मंडप का एक हिस्सा भी चौपरा में गिर गया है। आज तक इसको व्यवस्थित नहीं करवाया गया है।
जगह-जगह बिखरी है धरोहर :
पर्यटन नगरी खजुराहो में बेशकीमती पुरातात्विक धरोहर जहां-तहां बिखरी पड़ी है। पश्चिम मंदिर समूह में लक्ष्मण मंदिर के पीछे बड़ी मात्रा में पाषण शिल्प खेले में पड़ा है। धीरे-धीरे यह यहां से गायब हो रहा है। मंदिरों के पास ही स्थित चौसठ योगिनी मंदिर के पास भी कई पुरातत्व महत्व की शिलाएं गायब हो गई। इसी क्षेत्र में स्थित शिवसागर तालाब के घाटों पर ही पत्थर की जगह मूर्तियों की शिलाएं सीढिय़ों और दीवारों पर लगा दी गईं। इसके अलावा दूल्हादेव मंदिर के पास और जैन मंदिर के आस-पास से भी कई कीमती मूर्तियां गायब हो चुकी है। पुरातत्व विभाग के अधीन जैन मंदिर पर लगातार कब्जे के प्रयास कर यहां पर धार्मिक गतिविधियां बढ़ाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। खजुराहो में कई जगह पर चौराहों, तिराहो और बस्तियों में पत्थरों पर उकरीं प्रतिमाओं से युक्त शिलाएं बिखरी पड़ी हैं, लेकिन उन्हें संरक्षित और सुरक्षित करने में विभाग की कोई रुचि नहीं है।
हम अपनी धरोहर को संरक्षित कर रहे हैं:
खजुराहो के आस-पास बिखरी पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जो भी मूर्तियां मिलती है हम उसे अपने स्टोर में जमा करते हैं। धरोहर के संरक्षण में कहीं भी लापरवाही नहीं की गई है। मूर्तियां कहीं से भी चोरी नहीं हुई हैं। चौपरा के संरक्षण के लिए विभागीय कार्ययोजना बनने के बाद ही काम होगा।
– जीके शर्मा, सहायक अधीक्षक पुरातत्व विभाग खजुराहो
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