छतरपुर

आधी रात में व्यापारी की गुटखा फैक्ट्री में दीवार फांदगर घुसी पुलिस, ताला तोड़कर ट्राली बैग, चिल्लर सहित सामान ले भागे

– व्यापारी ने पुलिस पर लगाए सरेआम डकैती के आरोप, पुलिस ने बनाया शिकायत वापस लेने का दवाब

छतरपुरOct 19, 2019 / 08:15 pm

Neeraj soni

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छतरपुर। शहर के एक व्यापारी के गुटखा गोदाम में आधी रात को एक पुलिस टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल यह पुलिस टीम अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए बिना ही व्यापारी की फैक्ट्री में दीवार फांदकर घुस गई थी। महज एक मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने कानून ताक पर रखकर यह पूरी कार्रवाई बिना फूड विभाग को सूचना दिए ही कर डाली। सुबह होते-होते इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। फैक्ट्री पर न तो नकली गुटखा की पैकिंग होते पकड़ी गई और न ही कोई टैक्स चोरी मिली। इस पर व्यापारी मुकेश कठल ने पुलिस के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। व्यापारी ने पुलिस की इस कार्रवाई को डकैती करार देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। व्यापारी का आरोप है कि पुलिस उनकी फैक्ट्री में दीवार फांदकर चोरों की तरह घुसी और उनके गोदाम के कमरे के ताले तोड़े। गोदाम में रखे ४ ट्राली बैग, ३५ तौलियां, २२ हजार रुपए के चिल्लर और आधा दर्जन थर्मस भी ले गए। जबकि उनकी फैक्ट्री में गुटखा की पैकिंग से लेकर उसके रजिस्ट्रेशन और जीएसटी नंबर के सभी दस्तावेज मौजूद थे। उधर इस पूरे मामले में पुलिस अफसर मामले पर पर्दा डालने की स्थिति में सक्रिय रहे। दूसरी तरफ यह घटना कोतवाली क्षेत्र में होने के बाद भी इस पूरे मामले से कोतवाली पुलिस पल्ला झाड़ रही है।
बगराजन मंदिर के पास महोबा रोड वायपास के पास गुटखा व्यापारी मुकेश कठल की फैक्ट्री और गोदाम है। यहां पर वे लंबरदार ब्रांड से माउथ फ्रेसनर की पैकिंग करते हैं। फैक्ट्री के बेसमेंट में तीन मशीन लगाकर सुपारी की पैकिंग का काम दिन-रात चलता है। बीती शुक्रवार की रात भी फैक्ट्री में सुपारी की पैकिंग चल रही थी। किसी मुखबिर ने पुलिस को सूचना दी कि इस फैक्ट्री में राजश्री जैसी बड़ी कंपनियों के गुटखा की नकली पैकिंग का कारोबार लंबे समय से चल रहा है। इस सूचना की पुष्टि किए बिना ही पुलिस के प्र्रशिक्षु डीएसपी उदयभान बागरी, डीएसपी अजाक शैलेंद्र शर्मा, डीएसबी शाखा में पदस्थ सिपाही राजू वर्मा और अस्पताल चौकी में पदस्थ सिपाही आनंद सेन रात 12.30 बजे एक दर्जन पुलिस बल लेकर व्यापारी की फैक्ट्री पर पहुंच गए। यहां से माल की पैकिंग की जा रही थी। पुलिस टीम गेट खुलवाने की जगह दीवार फांदकर अंदर घुस गई और यहां पैकिंग कर रहे दो कर्मचारी को ले जाकर सिटी कोतवाली में बंद कर दिया। इसके पहले पुलिस ने गोदाम पर बने किचिन के गेट का ताला पेंचकर से तोडऩ का प्रयास किया, जब गेट का लॉक नहीं खुला तो पुलिस ने यहां रखे चार ट्रॉली बैग, तौलिया, चिल्लर, थर्मस रख लिए। इसके बाद सुबह ४ बजे इस टीम ने पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी कोतवाली में दी। इस पर कोतवाली से एएसआइ जेपी प्रजापति मौके पर पहुंचे और फैक्ट्री के दो कर्मचारी कुलदीप रैकवार और मोहन लखेरे को अपने साथ कोतवाली ले गए। व्यापारी ने बताया कि तीन-चार दिन पहले कोतवाली टीआइ सरिता बर्मन ने भी उनकी फैक्ट्री पर आकर जांच-पड़ताल की थी, लेकिन उस समय भी कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला था। टीआइ ने रात की जगह दिन में नियमानुसार कार्रवाई की थी। लेकिन बीती रात पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई के नाम पर डकैती डाली वह कानून के हिसाब से खुले तौर पर अपराध है। व्यापारी का कहना था कि पुलिस के इस रवैये के कारण वह इतना आहत है कि अब व्यापार बंद करने मजबूर हो गया है। व्यापारी मुकेश कठल का कहना है मेरी पत्नी ने नाम व्यापार का लाइसेंस है, गलत काम अगर मैं करता होता तो पत्नी के नाम से लाइसेंस कभी नहीं लेता। कठल का कहना है अगर उसे न्याया नहीं मिला और दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट में पुलिस के खिलाफ इश्तगासा करेंगे।
खुद को फंसता देख फूड विभाग को सौंपी कार्रवाई, कर्मचारियों को भी छोड़ा:
रात में मनमाने ढंग से व्यापारी के गोदाम में घुसे पुलिसकर्मी जब फंसते नजर आए तो उन्होंने फूड विभाग को यह मामला सौंप दिया। फूड इंस्पेक्टर संतोष तिवारी दोपहर में अपनी टीम के साथ फैक्ट्री में जांच करने के लिए पहुंचे। इस दौरान कोतवाली पुलिस के एसआइ देवेंद्र सिंह यादव मौजूद थे। मौके पर रात वाली टीम के कोई भी पुलिसकर्मी नहीं पहुंचे। फूड इंस्पेक्टर शर्मा ने बताया कि उन्हें मौके से जीएसटी नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ पहेली और लंबरदार ब्रांड के माउथ फे्रसनर के पाउच, पाउडर, हाथी ब्राड का एक रोल, एक तंबाकू की बोरी मिले। इस पर उन्होंने मीठी सुपारी व माउथ फ्रेंसनर सहित पाउडर का सेंपल लेकर फैक्ट्री को सील कर दिया और पुलिस को पूरा मामला दे दिया है। हालांकि पुलिस ने अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। उधर कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लिए गए व्यापारी के दोनों कर्मचारियों को भी छोड़ दिया है।
पहले सीएसपी बोले हमें नहीं पता, बाद में अपने ऊपर ले लिया सब :
व्यापारी की मुकेश कठल की फैक्ट्री पर छापामार कर्रवाई का मामला सुबह होते-होते सुर्खियों में आ गया। भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एवं ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष संजू बरसैंया और कुछ व्यापारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत सीएसपी उमेश शुक्ला और कोतवाली टीआइ सरिता बर्मन से मोबाइल पर बात की। दोनों ही अधिकारियों ने इस तरह की कार्रवाई की जानकारी से अनिभिज्ञता जताई। दोपहर होते-होते सीएसपी अचानक से अपने पुलिस स्टाफ के बचाव में आ गए। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ही यह कार्रवाई हुई। लेकिन जब विवाद बढ़ा तो वे अपने अधिकारी के बचाव में आ गए। सीएसपी उमेश शुक्ला का कहना था कि प्रशिक्षु डीएसपी उदयभान बागरी को मुखबिर से सूचना मिली थी, जिस पर उन्होंने कार्रवाई। रात में फूड वाले नहीं पहुंच पाए। दिन में फूड वालों को बुलाकर पूरी कार्रवाई करवाई गई है।
पुलिस की बी-टीम बनाकर कहीं भी छापामारी कर देती है यह टीम :
व्यापारी नेता संजू बरसैंया ने कहा कि बीती रात उनके रिश्तेदार के गोदाम पर पुलिस की जिस टीम ने छापा मारा उसके बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक को पता नहीं था। प्रशिक्षु डीएसपी उदयभान बागरी, डीएसपी अजाक शैलेंद्र शर्मा, डीएसबी शाखा में पदस्थ सिपाही राजू वर्मा और अस्पताल चौकी में पदस्थ सिपाही आनंद सेन ने जिस तरह से मनमाने तरीके से अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बिना सूचना दिए जो कार्रवाई की है वह अपने आप में सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि यह पुलिसकर्मी बी-टीम बनाकर ाशहर में जुआ लूटने से लेकर व्यापारियों के गोदामों पर छापा मारकर लूटपाट जैसा काम कर रही है। अगर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो व्यापारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
इसलिए पुलिस की कार्रवाई पर खड़े हुए सवाल :
पुलिस द्वारा व्यापारी की गुटखा फैक्ट्री पर की गई कार्रवाई पर सवार इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इस पूरी कार्रवाई की जानकारी संबंधित पुलिस टीम ने न तो अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी और न ही फूड या एक्साइज विभाग के किसी अधिकारी को इस बारे में सूचित किया। जबकि नियमानुसार फूड से संबंधित कार्रवाई में पुलिस विभाग को सूचित करती है। जब यह मामला विवादित हुआ तो फिर पुलिस ने फूड वालों को सूचना दी। इसके साथ ही रात में जब पुलिस टीम फैक्ट्री पहुंची तो वहां पर गेट बंद था, लेकिन पुलिस दीवार फांदकर अंदर घुसी और पेंचकस से एक कमरे के गेट का लॉक तोडऩे का प्रयास किया गया। लॉक तो टूट गया, लेकिन यहां पर गेट नहीं खुला। इसके बाद पुलिस दो लड़कों को लेकर यहां से वापस चली आई।
मुझे जानकारी नहीं, पता करता हूं, गलत होगा तो कार्रवाई होगी :
– अगर पुलिस मुखबिर की सूचना पर फैक्ट्री पर गई थी तो कार्रवाई के लिए पहुंची होगी। यह अलग बात है कि मौके पर कुछ गलत नहीं मिला। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इस बारे में पता करता हूं। अगर पुलिस पर आरोप लग रहे तो तो जांच कराई जाएगी। कोई दोषी हुआ तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– अनिल महेश्वरी, डीआइजी, छतरपुर
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