scriptसंक्रमण की समय से नहीं हो पा रही पहचान, 90 फीसदी सैंपल की रिपोर्ट आ रही तीन दिन बाद | Infection is not recognized in time, 90 percent report is 3 day late | Patrika News

संक्रमण की समय से नहीं हो पा रही पहचान, 90 फीसदी सैंपल की रिपोर्ट आ रही तीन दिन बाद

locationछतरपुरPublished: Apr 19, 2021 08:51:02 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

समय से जांच रिपोर्ट न आने से गंभीर हो रहे संक्रमित, दूसरे भी हो रहे संक्रमण का शिकारआइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों की बढ़ रही संख्या, रिपोर्ट की देरी से इलाज में भी देरी

रिपोर्ट की देरी से इलाज में भी देरी

रिपोर्ट की देरी से इलाज में भी देरी

छतरपुर। जिले में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। अप्रेल माह में रविवार रात तक 1554 पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमण की जांच रिपोर्ट आने में देरी से मरीजों की हालत गंभीर हो रही है, वहीं मौत के आंकड़े बढऩे लगे हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में देरी से संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं। जिले के 90 फीसदी सैंपल की रिपोर्ट तीन दिन बाद आ रही है। जबकि केवल 10 प्रतिशत रिपोर्ट ही एक दिन में आ रही जो एंटीजन किट से लिए गए सैंपल की है। शासन के निर्देश पर 90 फीसदी सैंपल आरटीपीसीआर और 10 फीसदी सैंपल एंटीजन से लिए जा रहे हैं। यही वजह है कि सैंपल की रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। रिपोर्ट आने में देरी के अलावा सैंपल देने के लिए भी लोगों को दो-दो घंटे जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक में इंतजार करना पड़ रहा है।
1000 से ज्यादा सैंपल पेंडिंग
रविवार को जिले के 1002 सैंपल की रिपोर्ट बीएमसी सागर में पेंडिग थी। जिले से रोजाना 400 से 500 सैंपल लिए जा रहे हैं, लेकिन एंटीजन किट के अलावा आरटीपीसीआर से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं, जिससे 90 फीसदी सैंपल की रिपोर्ट देर से आ रही है। जब िक शासन ने अब आरटीपीसीआर से 50 और एंटीजन किट से 50 फीसदी सैंपल लिए जाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन छतरपुर जिले में अब भी 90 फीसदी सैंपल आरटीपीसीआर और 10 फीसदी सैंपल एंटीजन से लिए जा रहे हैं। आरटीपीसीआर का सैंपल लेने के अगले दिन सागर भेजे जाते हैं, फिर दो दिन में रिपोर्ट आती है। इस तरह से मरीज को तीन दिन बाद ही संक्रमित होने न होने का पता चलता है। ऐसे में मरीज की घबराहट भी बढ़ जाती है।
निर्देश से ज्यादा इस्तेमाल हो रही आरटीपीसीआर किट
शासन ने आरटीपीसीआर से रोजाना 200 सैंपल लिए जाने का लक्ष्य दिया है। लेकिन जिले में 400 से ज्यादा सैंपल रोजाना आरटीपीसीआर से लिए जा रहे हैं। जबकि 200 सैंपल एंटीजन और 200 आरटीपीसीआर से लिए जाने हैं। जिस माध्यम की रिपोर्ट आने में देरी हो रही है, उसी माध्यम से सबसे ज्यादा जांचों से रिपोर्ट में देरी से मुसीबत खड़ी हो रही है। जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर के व्हीटीएम टेस्ट ट्यूब 2000 और एंटीजन किट 2400 का स्टॉक है। लेकिन फिर भी आरटीपीसीआर से सैंपल ज्यादा लिए जा रहे हैं। वहीं, जिले के अन्य फीवर क्लीनिकों के लिए एंटीजन किट के 2200 और व्हीटीएम ट्यूब का नग स्टॉक है।
सैंपल के लिए दो घंटे इंतजार
जिला अस्पताल में बनाए गए फीवर क्लीनिक में संक्रमण संदिग्धो की भीड़ उमड़ रही है। फीवर क्लीनिक में सुबह 10 से 4 बजे तक सैंपल लिए जाते हैं। पहले एक काउंटर होने से भीड़ उमडऩे पर लोगो ंको दो से तीन घंटे का इंतजार करना पड़ता था। वहीं, अब दो काउंटर शुरु किए गए हैं । लेकिन जांच के लिए सैंपल देने आने वाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि इंतजार और लाइन खत्म ही नहीं हो रही है। ऐसे में काउंटर बढ़ाने के साथ फीवर क्लीनिक की टाइमिंग 24 घंटे करने की जरूरत है।
रिपोर्ट के इंतजार में बढ़ रही चिंता
छतरपुर निवासी 75 वर्षीय भगवान दास सोनी का 15 अप्रेल को आरटीपीसीआर से सैंपल लिया गया, लेकिन 19 अप्रेल तक उनके सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई। इसी तरह 36 वर्षीय अनिल रिछारिया ने 17 अप्रेल को सैंपल दिया था। उनकी रिपोर्ट भी 19 अप्रेल तक नहीं आई। दोनों लोगों का कहना है कि रिपोर्ट में देरी से अनिश्चिता की स्थिति बनी रहती है। रिपोर्ट के इंतजार में इलाज भी शुरु नहीं हो पाता है।
फैक्ट फाइल
इस तरह बढ़ रही पेंडेंसी
तारीख पेंडेंसी
18 अप्रेल 1002
17 अप्रेल 971
16 अप्रेल 809
15 अप्रेल 599
14 अप्रेल 626
13 अप्रेल 556
12 अप्रेल 639

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