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छतरपुर

पिता की हत्या करने वाले को मिली ये सजा, हर बच्चा खौफ खाएगा

लाठी से हमला कर पिता की निर्मम हत्या करने का मामला

छतरपुरMar 01, 2018 / 04:41 pm

Samved Jain

Killer son sentenced to life imprisonment, Father, murder, punishment

Killer son sentenced to life imprisonment, Father, murder, punishment

छतरपुर। पिता की बेरहमी से हत्या करने के बहुचर्चित मामले में लवकुशनगर अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश् भारत सिंह रावत की अदालत ने हत्यारे पुत्र को दोषी करार देकर उम्रकैद के एक हजार रुपए के जुर्माना की सजा दी। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद हत्यारे पुत्र को जेल भेज दिया।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि लवकुशनगर थाना क्षेत्र के रामूपुरा गांव में रहने वाले ब्रदीप्रसाद कुशवाहा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके भतीजे अमरचंद्र कुशवाहा ने उसे बताया कि वह अपने पिता चिरंजीलाल के साथ खुडऩ देवता के पास गया था। वापस लौटते समय पिता चिरंजीलाल भड़ार गांव में रुक गए थे और वह वापस गांव आ गया था। चिरंजीलाल अभी तक घर नहीं आए। बद्रीप्रसाद अपने भतीजे अमरचंद्र और अपने बेटे के साथ भड़ार हार रेलवे पुल के पास पहुंचा। रोड पर चिरंजीलाल खून से लथपथ हालत में पड़ा था। चिरंजीलाल का शव देखने से दुर्घटना होना लगा रहा था। चौकी पठा में जानकारी देने पर आकाल मृत्यु की सूचना दर्ज की गई।
पुलिस जांच में हत्या का हुआ खुलासा-
थाना लवकुशनगर ने तत्कालीन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने चिरंजीलाल की हत्या का शक होने के कारण मृतक के पुत्र अमरचंद्र से पूंछतांछ की। अमरचंद्र ने पुलिस को बताया कि वह 15 जनवरी 2015 को अपने पिता के साथ भड़ार शारदा मंदिर गया था। रास्ते में प्रीतम मिला था। मंदिर से जब वह घर आ रहे थे। रात करीब 7 बजे रेलवे पुल के पास पहुंचे प्रीतम दूर खड़ा था और उसके पिता चिरंजीलाल बाथरुम करने लगे। अमरचंद्र ने बताया उसके पिता उसे देवी देवताओ के यहां ले जाते थे। जिससे वह बहुत परेशान हो गया था। चिरंजीलाल कहते थे कि तुम मुझे मार डालो तभी तुम्हे खुशी होगी। यही बात अमरचंद्र के दिमाग में चल रही थी। पिता चिरंजीलाल जैसे ही बाथरुम करके उठा पीछे से अमरचंद्र ने लाठी से जानलेवा हमला कर दिया। प्रीतम बचाने आया तो अमरचंद्र ने उसे जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। अमरचंद्र ने पिता के सीने में चढ़कर मारपीट करके उसकी हत्या की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया।
न्यायाधीश भारत सिंह रावत की कोर्ट ने सुनाई सजा-
अभियोजन की ओर से एजीपी प्रवीण द्विवेदी ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट के सामने पेश किए। अपर सत्र न्यायाधीश भारत सिंह रावत की अदालत ने आरोपी अमरचंद्र को अपने पिता की बर्बरतापूर्ण निर्मम हत्या करने के आरोप का गुनाहगार ठहराया। कोर्ट ने आरोपी अमरचंद्र को आईपीसी की धारा 302 में कठोर आजीवन कारावास के एक हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।
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