आचार्य विद्यासागर के शिष्य जैन मुनि प्रमाण सागर वर्तमान में सागर में विराजित हैं। उन्होंने शंका-समाधान कार्यक्रम के दौरान सभी जैन धर्मालंबियों से कोरोना को हराने के लिए शासन के निर्देशों का पालन करने कहा हैं। मुनिश्री ने कहा है कि जो कुछ लोग अब भी मंदिरों में पहुंच रहे हैं, वह पुण्य का काम नहीं कर रहे हैं। वहीं महावीर जयंती के कार्यक्रम कहीं भी आयोजित नहीं किए जाएंगे।
ऐसे मनाई जाएगी महावीर जयंती
मुनि प्रमाण सागर ने जैन समाज के लोगों को महावीर जयंती घरों में ही रहकर कैसे मनाई जाएगी, यह जानकारी भी दी गई। मुनिश्री के अनुसार 6 अप्रैल को सुबह 8बजे घंटी या वाद्य यंत्र ५ मिनट तक अपने घर के आंगन, छत, बालकनी से लगातार बजाएं। 8 बजकर 5 मिनट पर भगवान महावीर का टीवी पर प्रसारित मस्त्काभिषेक, शांतिधारा देखकर दर्शनलाभ लें। इसके बाद घरों में ही भगवान का पूजन करें और पाठ करें। इसके बाद भगवान महावीर पर आधारित प्रवचन का श्रवण करें। इस दिन संकल्प लें कि हर व्यक्ति २४ लोगों का सहयोग करे। इसी दिन शाम 6 बजे सभी परिवारजन एकजुट होकर भगवान महावीर की आरती करें और दरवाजे पर व बालकनी पर दीपक रखें। इसके बाद शाम 6.20 बजे महावीराष्टक पाठ आचार्य विद्यासागर द्वारा कराया जाएगा, जिसे श्रवण करें। इसके बाद शंका-समाधान का लाभ लें। इस तरह पूरे दिन भगवान महावीर की भक्ति में लीन रहकर महावीर जयंती का पर्व मनाएं।