scriptमहावीर जयंती घर में रहकर कैसे मनाएं, ये है मुनि प्रमाण सागर का उपदेश | Know How to Celebrate Mahavir Jayanti 2020 Says Muni Praman Sagar | Patrika News

महावीर जयंती घर में रहकर कैसे मनाएं, ये है मुनि प्रमाण सागर का उपदेश

locationछतरपुरPublished: Apr 04, 2020 07:29:25 pm

Submitted by:

Samved Jain

महावीर जयंती पर शोभायात्रा नहीं, घर पर होंगे ये आयोजन

महावीर जयंती घर में रहकर कैसे मनाएं, ये है मुनि प्रमाण सागर का उपदेश

महावीर जयंती घर में रहकर कैसे मनाएं, ये है मुनि प्रमाण सागर का उपदेश

छतरपुर. कोविड-19 से हराने शासन-प्रशासन द्वारा लगातार धर्मगुरुओं से समाजजनों से एकत्रित होकर कोई भी पर्व न मनाने, मंदिरों में न पहुंचने के आग्रह कराने निवेदन किया जा रहा हैं। इसी सिलसिले में जैन मुनि प्रमाण सागर ने सभी जैन धर्मालंबियों से ६ अप्रैल को आयोजित तीर्थंकर महावीर जयंती के दिन शोभायात्रा नहीं निकालने और मंदिरों में एकत्रित नहीं होने का उपदेश दिया है। साथ ही मुनिश्री द्वारा महावीर जयंती को कैसे मनाएं का तरीका भी बताया हैं। जिसका सकल जैन समाज छतरपुर द्वारा समर्थन किया गया हैं।

आचार्य विद्यासागर के शिष्य जैन मुनि प्रमाण सागर वर्तमान में सागर में विराजित हैं। उन्होंने शंका-समाधान कार्यक्रम के दौरान सभी जैन धर्मालंबियों से कोरोना को हराने के लिए शासन के निर्देशों का पालन करने कहा हैं। मुनिश्री ने कहा है कि जो कुछ लोग अब भी मंदिरों में पहुंच रहे हैं, वह पुण्य का काम नहीं कर रहे हैं। वहीं महावीर जयंती के कार्यक्रम कहीं भी आयोजित नहीं किए जाएंगे।

ऐसे मनाई जाएगी महावीर जयंती
मुनि प्रमाण सागर ने जैन समाज के लोगों को महावीर जयंती घरों में ही रहकर कैसे मनाई जाएगी, यह जानकारी भी दी गई। मुनिश्री के अनुसार 6 अप्रैल को सुबह 8बजे घंटी या वाद्य यंत्र ५ मिनट तक अपने घर के आंगन, छत, बालकनी से लगातार बजाएं। 8 बजकर 5 मिनट पर भगवान महावीर का टीवी पर प्रसारित मस्त्काभिषेक, शांतिधारा देखकर दर्शनलाभ लें। इसके बाद घरों में ही भगवान का पूजन करें और पाठ करें। इसके बाद भगवान महावीर पर आधारित प्रवचन का श्रवण करें। इस दिन संकल्प लें कि हर व्यक्ति २४ लोगों का सहयोग करे। इसी दिन शाम 6 बजे सभी परिवारजन एकजुट होकर भगवान महावीर की आरती करें और दरवाजे पर व बालकनी पर दीपक रखें। इसके बाद शाम 6.20 बजे महावीराष्टक पाठ आचार्य विद्यासागर द्वारा कराया जाएगा, जिसे श्रवण करें। इसके बाद शंका-समाधान का लाभ लें। इस तरह पूरे दिन भगवान महावीर की भक्ति में लीन रहकर महावीर जयंती का पर्व मनाएं।
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