गोपनीय रहेगा गांव का नाम
आपकी सरकार आपके द्वार के प्रथम भाग में चयनित विकासखंड के एक गांव का चयन कर आम जनता से सीधे संबंध वाले विभागों के सभी जिला अधिकारी एक ही वाहन में ग्राम तक पहुंचकर शासकीय योजनाओं का जायजा लेंगे। भ्रमण वाले गांव का नाम गोपनीय रहेगा। भ्रमण में गांव की सभी संस्थाओं का निरीक्षण किया जाएगा। इन संस्थाओं में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, राशन की दुकान, अस्पताल, ग्राम पंचायत का दफ्तर शामिल हैं। भ्रमण सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक रहेगा, इसके बाद दोपहर दो बजे से विकासखंड स्तरीय शिविर लगेंगे।
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, कमिश्नरों, कलेक्टरों को इस बारे में विस्तृत निर्देश भेजे हैं। निर्देशों में कहा गया है कि समय और धन के अप-व्यय को रोकने के लिए गांव के आकस्मिक भ्रमण और एक समय-सारणी के अनुसार विकासखंड मुख्यालयों पर शिविर लगाए जाए। विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का निरीक्षण कर प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को ग्रामीण नागरिकों के अधिक नजदीक ले जाने में आसानी होगी।
इन विभागों की समस्याओं का होगा निराकरण
जिले के मंत्री और विधायकों से संपर्क कर शिविरों की रूपरेखा तिथिवार बनाई जा रही है। प्रत्येक मंत्री और विधायक एक माह में कम से कम दो विकासखंड शिविरों में मौजूद रहेंगे। आमजन से अधिक संबंध वाले, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, ऊर्जा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, किसान-कल्याण और कृषि विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, जल-संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, सहकारिता और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभागों के जिला स्तर के अधिकारी शिविरों में हिस्सा लेंगे।
आवेदन निराकरण की होगी सीमा
शिविर में आने वाले आवेदकों की समस्या का मौके पर मौजूद अधिकारी तत्काल निराकरण करेंगे। जिनका तुरंत निराकरण संभव नहीं, उसके संबंध में आवेदक को सूचित किया जाएगा। जिसका एक समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा। शिविरों को दिखावे से दूर रखकर व्यवस्थित ढंग से लगाने और आमतौर पर उसी दिन समस्या हल करने को प्राथमिकता दी जाएगी। शिविर में आवेदकों के लिए सुविधाजनक प्रतीक्षालय एवं पेयजल का इंतजाम भी किया जाएगा।