जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक बसें दिल्ली सहित अन्य राज्यों के लोगों को यहां ला रही हैं। इन बसों में आने वाले ज्यादातर लोग मजदूर हैं। अधिकांश बसें सुबह 7 बजे के पहले ही छतरपुर बस स्टेण्ड के बाहरी हिस्से में मजदूरों को उतारकर रवाना हो जाती हैं। बंद बसों में बगैर सोशल डिस्टेंस और मास्क के लौट रहे मजदूर अगर संक्रमित हुए तो इनके माध्यम से यह संक्रमण गांव-गांव में फैल सकता है। फिलहाल प्रशासन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।
नोयडा से बस से शुक्रवार को छतरपुर पहुंची सुनीता ने बताया कि शहर में मामले बढ़ रहे हैं। वहीं लॉकडाउन की शुरुआत हो गई है। जिससे हम लोग अपने घरों की ओर वापस आ रहे हैं, ताकि पिछली बार जैसे लॉकडाउन में फंसकर पैदल न चलना पड़े। वहीं, दिल्ली से आए सरवई निवासी कमलेश ने बताया कि लॉकडाउन में महानगर में फंस न जाए इसलिए हम लोग वापस लौटने लगे हैं। अभी बसें मिल रही हैं, तो वापसी में दिक्कत नहीं हो रही है।
ओवरलोडिंग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक बस संचालक को मास्क लगवाने, यात्रियों को मास्क बांटने के निर्देश भी दिए गए हैं। अप्रवासी मजदूरों से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।
विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ, छतरपुर