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लॉकडाउन की आहट सुनते ही गांव लौटने लगे मजदूर

locationछतरपुरPublished: Apr 09, 2021 08:20:56 pm

Submitted by:

dharmendra singh

दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों से प्रतिदिन लौट रहे प्रवासी मजदूरगांव-गांव में संक्रमण फैलने का खतरा, न स्क्रीनिंग और न ही बचाव के उपाय

बसों में आने वालों की नहीं हो रही जांच

बसों में आने वालों की नहीं हो रही जांच

छतरपुर। महाराष्ट्र और मप्र में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। मप्र के तमाम जिलों में 60 घंटे के लॉकडाउन के साथ ही एक बार फिर पिछले वर्ष जैसे लंबे लॉकडाउन की आहट सुनाई देने लगी है। पिछले साल लॉकडाउन में विपरीत स्थितियों को झेल चुके अप्रवासी मजदूर इस बार लॉकडाउन की आहट सुनते ही समय के पूर्व ही अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं।
प्रतिदिन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और उप्र के कई शहरों में मौजूद छतरपुर जिले के एक से डेढ़ सैकड़ा मजदूर बसों के माध्यम से घर लौट रहे हैं। बस स्टेण्ड पर दिल्ली से आने वाली बसों में प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में मजदूर वापसी कर रहे हैं। मजदूरों की यह वापसी स्थानीय स्तर पर खतरनाक साबित हो सकती है। बसों से घर लौटने वाले इन मजदूरों की न तो बस स्टेण्ड पर स्क्रीनिंग की जा रही है और न ही बसों के भीतर संक्रमण फैलने से रोकने हेतु बचाव के उपाय अपनाए जा रहे हैं।
बसों में आने वालों की नहीं हो रही जांच
जानकारी के मुताबिक छतरपुर जिले में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक बसें दिल्ली सहित अन्य राज्यों के लोगों को यहां ला रही हैं। इन बसों में आने वाले ज्यादातर लोग मजदूर हैं। अधिकांश बसें सुबह 7 बजे के पहले ही छतरपुर बस स्टेण्ड के बाहरी हिस्से में मजदूरों को उतारकर रवाना हो जाती हैं। बंद बसों में बगैर सोशल डिस्टेंस और मास्क के लौट रहे मजदूर अगर संक्रमित हुए तो इनके माध्यम से यह संक्रमण गांव-गांव में फैल सकता है। फिलहाल प्रशासन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।
ये कहना है लोगों का
नोयडा से बस से शुक्रवार को छतरपुर पहुंची सुनीता ने बताया कि शहर में मामले बढ़ रहे हैं। वहीं लॉकडाउन की शुरुआत हो गई है। जिससे हम लोग अपने घरों की ओर वापस आ रहे हैं, ताकि पिछली बार जैसे लॉकडाउन में फंसकर पैदल न चलना पड़े। वहीं, दिल्ली से आए सरवई निवासी कमलेश ने बताया कि लॉकडाउन में महानगर में फंस न जाए इसलिए हम लोग वापस लौटने लगे हैं। अभी बसें मिल रही हैं, तो वापसी में दिक्कत नहीं हो रही है।
इनका कहना है
ओवरलोडिंग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक बस संचालक को मास्क लगवाने, यात्रियों को मास्क बांटने के निर्देश भी दिए गए हैं। अप्रवासी मजदूरों से जुड़ी जानकारी एकत्रित कर जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।
विक्रमजीत सिंह कंग, आरटीओ, छतरपुर
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