scriptलोक संस्कृति से गुलजार होगा छतरपुर, गांधी आश्रम में हुआ प्रस्तुतियों का शुभारंभ | Launching presentations in Chhatarpur, Gandhi Ashram, will be roaming | Patrika News

लोक संस्कृति से गुलजार होगा छतरपुर, गांधी आश्रम में हुआ प्रस्तुतियों का शुभारंभ

locationछतरपुरPublished: Nov 19, 2018 08:30:52 pm

Submitted by:

Neeraj soni

– मप्र नाट्य विद्यालय का भ्रमणशील दल बुंदेलखंड की वादियों में खोजेगा लोक संस्कृति के रंग

 Chhatarpur

Chhatarpur

छतरपुर। मप्र नाट्य विद्यालय का एक भ्रमणशील दल छतरपुर पहुंच चुका है। बुन्देलखंड के इतिहास, संस्कृति, साहित्य को समझने और निखारने के उद्देश्य से इस भ्रमणशील दल में आए मप्र नाट्य विद्यालय के डायरेक्टर आलोक चटर्जी और विद्यार्थियों की टीम छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ और खजुराहो का भ्रमण कर लोक संस्कृति और लोक कलाओं का अनुभव करेगी साथ ही प्रतिदिन गांधी आश्रम छतरपुर में सांध्यकालीन प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
स्थानीय समन्वयक रंगकर्मी शिवेन्द्र शुक्ला और लखन अहिरवार ने बताया कि सोमवार की दोपहर आलोक चटर्जी के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर इस कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों ने गांधी आश्रम में बनाए गए सुंदर लोक मंच पर लोकगीतों की मनोहारी प्रस्तुतियां दीं। 20 नवंबर को शाम ६.३० बजे से नागिन बैंड और आल्हा की प्रस्तुति होगी। 21 नवंबर को ढिमरयाई, बधाई, 22 नवंबर को दल-दल घोडी, बहरूपिया, 23 नवंबर को बसारी में सोहरे, दादरे, गारीं का आयोजन होगा। 24 नवंबर को मऊरानीपुर के निकट ग्राम मेड़की में ईसुरी की फागों का आयोजन होगा। यह गांव लोक साहित्य के पुरोधा ईसुरी का गांव है। 25 नवंबर को पुन: गांधी आश्रम में दिवारी, फाग और लोकगीत होगी साथ ही 26 नवंबर को कथावाचक और साहित्यकारों से भेंट होगी।
साहित्यकारों से मिले नाट्य विद्यालय के विद्यार्थी
सोमवार को छतरपुर पहुंचे इस दल ने स्थानीय साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों से भेंट की। इस अवसर पर लोक गायिका उर्मिला पांडेय ने विद्यार्थियों को लोकगीत की बारीकियां समझाईं। हारून अना काजमी ने शायरी से परिचित कराया तो वहीं साहित्यकार बहादुर सिंह परमार और कुलपति डॉ. प्रियव्रत शुल्क ने भी स्थानीय लोक साहित्य की जानकारी विद्यार्थियों को दी।
समापन २7 को, हंसा करे किलोल नाटक होगा खास :
कार्यशाला का समापन २7 नवंबर को मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल संभागार में कीर्ति बैले एंड परेफॉर्मिग आर्ट भोपाल की प्रस्तुति बैले आल्हा का प्रदर्शन विद्यार्थियों के अवलोकन के लिए किया जाएगा। कार्यशाला के समाप्ति के पश्चात २७ नवंबर से बुंदेलखंड लोक संस्कृति पर आधारित नाटक हंसा करे किलोल का निर्माण प्रारंभ होगा। जिसका मंचन दिनांक 21एवं 22 दिसंबर को रवींद्र भवन संभागार में किया जाना संभावित है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो