पत्रिका ने जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर के गांव वीरमपुरा का सोमवार को जायजा लिया। यहां लॉक डाउन के दौरान जो दृश्य देखने मिला, वह निश्चित की शहरी लोगों को सीख लेने वाला हैं। यहां किसी को रोक-टोक करने के लिए न तो पुलिस लगी हैं, न ही नियम तोडऩे पर कोई सजा मिल रही हैं। फिर भी गांव में सन्नाटा पसरा नजर आ रहा हैं। गांव के लोगों के घरों पहुंचकर जब बात की जाती हैं तो बाकायदा सोशल डिस्टेंस फॉलो किया जा रहा हैं। दूर से बताया गया कि हम लॉक डाउन के तहत घरों के अंदर हैं।
ग्राम पंचायत वीरमपुरा का जायजा लेते हुए गांव की लगभग गलियों को हमने देखा। जहां सन्नाटा ही नजर आया। एक चबूतरे पर सोशल डिस्टेंस बनाकर बैठे कुछ युवाओं ने बताया कि कुछ समय पहले ही वह यहां आए हैं। अभी अंदर भी चले जाएंगे। इस दौरान हम किसी के नजदीक भी नहीं जा रहे हैं। किसी भी व्यक्ति को अगर किसी काम से बाहर जाना पड़ रहा है तो वह भी सोशल डिस्टेंस और सुरक्षित माहौल में निकल रहा हैं। इमरजेंसी नहीं होने पर कोई बाहर नहीं आ रहा हैं।
यहां गांव को किया जा रहा है सेनेटाइज
कोरोना को हराना है देश को बचाना हैं। इन गगनभेदी नारे लगाते हुए चंद ग्रामीण अपने गांव को स्व’छता का संदेश देते हुए दवा छिड़काव करते नजर आ रहे हैं। मामला शहर से लगी ग्राम पंचायत बगौता का हैं। जहां रोज युवाओं की टोली ने गांव में संक्रमण से बचाने के लिए दवा का छिड़काव कार्य प्रारंभ किया है। जिसकी गांव के लोग सराहना कर रहे हैं।
बगौता पंचायत के सुंदर लाल रैकवार ने बताया कि नगरीय निकायों में दवा छिड़काव की जा रही हैं, जिससे कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी का संक्रमण रोका जा सके, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की अभी तक प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में गंभीर बीमारी को रोकने के लिए ग्रामीण युवाओं ने स्वयं ही आगे बढ़कर पहल शुरू की। इस कार्य में सरदार सिंह और राकेश रैकवार, लल्लूराम रैकवार, मोती लाल रैकवार, मन्नू लाल रैकवार, लालचंद रैकवार शामिल होकर निजी खर्चों से दवा का छिड़काव कराया जा रहा हैं । इसके अलावा लॉक डाउन नियम के संदेश और बीमारी से बचाव के उपाय पर्चे छपवा कर घर-घर बांटे जा रहे हैं। साथ ही लोगों को घर में रहने तथा स्व’छता का संदेश घर-घर जाकर प्रचारित कर रहे हैं।