दिन दहाड़े पलटा अवैध रेत से भरा डंफर, अफसरों को नजर नहीं आया
जिले की रेत खदानों में वैध उत्खनन एक साल से बंद है, लेकिन अवैध उत्खनन जारी है। केन नदी से अवैध रुप से निकाली गई रेत भरकर जा रहा ओवर लोड डंफर बछौन के पास पलट गया। पलटे हुए ट्रक को उठाने व रेत को दोबारा लोड करने के लिए दिन में ही एक पोकलेन मशीन और जेसीबी लगी रही। दो घंटे तक मुख्य मार्ग पर रेत की लूट का कारनामा चलता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस व राजस्व विभाग को कुछ भी नजर नहीं आया।
जिले की रेत खदानों में वैध उत्खनन एक साल से बंद है, लेकिन अवैध उत्खनन जारी है। केन नदी से अवैध रुप से निकाली गई रेत भरकर जा रहा ओवर लोड डंफर बछौन के पास पलट गया। पलटे हुए ट्रक को उठाने व रेत को दोबारा लोड करने के लिए दिन में ही एक पोकलेन मशीन और जेसीबी लगी रही। दो घंटे तक मुख्य मार्ग पर रेत की लूट का कारनामा चलता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस व राजस्व विभाग को कुछ भी नजर नहीं आया।
कई रास्तों से हो रहा अवैध परिवहन
केन नदी के घाटों पर शाम होते ही मशीनों व रेत कारोबारियों की टीम की हलचल शुरू हो जाती है। बड़ी-बड़ी मशीनों को केन नदी में उतारा जाता है। जिससे रेत का अवैध रूप से उत्खनन के साथ रात में ही मशीनों से रेत को डंपरों, ट्रकों व ट्रैक्टरों में लादा जाता है। रेत का अवैध रूप से परिवहन करके लवकुशनगर, छतरपुर और सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक भेजा जाता है। रेत से लदे वाहनों को ग्राम सीलप, पल्टा, बदौरा और प्रकाशबम्हौरी मार्ग से उत्तर प्रदेश के महोबा की ओर निकालते हैं। इसी तरह हिनौता थाना क्षेत्र में केन नदी के हथौहां व आसपास कई घाटों से रेत निकालकर पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र भेजी जाती है।
केन नदी के घाटों पर शाम होते ही मशीनों व रेत कारोबारियों की टीम की हलचल शुरू हो जाती है। बड़ी-बड़ी मशीनों को केन नदी में उतारा जाता है। जिससे रेत का अवैध रूप से उत्खनन के साथ रात में ही मशीनों से रेत को डंपरों, ट्रकों व ट्रैक्टरों में लादा जाता है। रेत का अवैध रूप से परिवहन करके लवकुशनगर, छतरपुर और सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कई शहरों तक भेजा जाता है। रेत से लदे वाहनों को ग्राम सीलप, पल्टा, बदौरा और प्रकाशबम्हौरी मार्ग से उत्तर प्रदेश के महोबा की ओर निकालते हैं। इसी तरह हिनौता थाना क्षेत्र में केन नदी के हथौहां व आसपास कई घाटों से रेत निकालकर पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र भेजी जाती है।
जगह-जगह केन नदी में हो रहा अवैध उत्खनन
केन नदी के रामपुर घाट, मवई घाट, बरुआ, पड़वार, परेई घाट औरहर्रई खदान में बड़ी-बड़ी मशीनें उतारकर रेत चुराई जा रही है। ऐसे ही हथौंहा में केन नदी के पुल के पास में ही बड़ी-बड़ी मशीनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है। रामपुर और बलरामपुर के बीच से निकली छोटी केन नदी से भी मशीनों से रेत निकाली जा रही है।
केन नदी के रामपुर घाट, मवई घाट, बरुआ, पड़वार, परेई घाट औरहर्रई खदान में बड़ी-बड़ी मशीनें उतारकर रेत चुराई जा रही है। ऐसे ही हथौंहा में केन नदी के पुल के पास में ही बड़ी-बड़ी मशीनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है। रामपुर और बलरामपुर के बीच से निकली छोटी केन नदी से भी मशीनों से रेत निकाली जा रही है।
वैध खदान बंद होने का माफिया उठा रहे फायदा
जिले में एक साल से रेत का वैध खनन बंद है। लेकिन स्थानीय पुलिस व राजस्व विभाग की मिलीभगत से रेत माफिया केन नदी के हथौंहा, वंशिया इलाके से दिन दहाड़े रेत की लूट कर रहे हैं। हैवी मशीनों से रेत निकालकर ट्रकों के जरिए महोबा के रास्ते कानपुर-लखनऊ तक सप्लाई हो रही है। चंदला थाना इलाके में पुलिस की डायल 100 के सामने ही अवैध रेत से भरे ट्रक, डंफर, ट्रैक्टर गुजर रहे हैं।
जिले में एक साल से रेत का वैध खनन बंद है। लेकिन स्थानीय पुलिस व राजस्व विभाग की मिलीभगत से रेत माफिया केन नदी के हथौंहा, वंशिया इलाके से दिन दहाड़े रेत की लूट कर रहे हैं। हैवी मशीनों से रेत निकालकर ट्रकों के जरिए महोबा के रास्ते कानपुर-लखनऊ तक सप्लाई हो रही है। चंदला थाना इलाके में पुलिस की डायल 100 के सामने ही अवैध रेत से भरे ट्रक, डंफर, ट्रैक्टर गुजर रहे हैं।