जिले से निकली धसान नदी में अलीपुरा थाना इलाके के टीला घाट पर रेत माफिया ने अवैध उत्खनन शुरु कर दिया है। मैन रोड से नदी के तट तक ट्रक, डंफर, ट्रैक्टर ले जाने के लिए मिट्टी डालकर रास्ता बनाया गया है। इसके अलावा नदी के रास्ते में बड़े-बड़े पेड़ों को काट दिया है। गर्मी के साथ नदी में जलस्तर कम होने पर अवैध उत्खनन शुरु हो गया है। रेत माफिया पानी के अंदर भी रेत भी बेच रहे हैं। इसके लिए टीला घाट में एक लिफ्टर लगाया गया है। टीला से निकाली जा रही अवैध रेत छतरपुर, नौगांव, हरपालपुर और मऊरानीपुर तक सप्लाई हो रही है। टीला के अलावा खखौरा घाट से भी रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। खखौरा घाट से अवैध उत्खनन कर रेत झांसी सप्लाई की जा रही है।
प्रशासन की अनदेखी का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। वंसिया थाना इलाके की नेहरा खदान में रेत माफिया ने तीन लिफ्टर डाल दिए हैं। इसके साथ ही एमपी में छतरपुर जिले से लेकर पन्ना जिले की सीमा में खरौनी तक नदी के बीच में रास्ता बनाया गया है। इसके लिए नदी के बीच मिट्टी, पत्थर, रेत की बोरियां डालकर पानी रोक दिया गया है। नदी में डाले गए लिफ्टर से रेत निकालकर घाट के निकारे डंप की जा रही है, जो हैवी मशीनों से डंफरो, ट्रकों के जरिए यूपी के नरैनी, अर्तरा मार्ग से होकर सप्लाई हो रही है। रातभर डंफरो का कारवां अवैध रेत लेकर निकल रहे हैं।
ट्रैक्टरों पर कभी कभार कार्रवाई करने वाला प्रशासन के रेत माफिया के लिफ्टरों, हैवी मशीनों पर कार्रवाई करने में हाथ पांव कांप रहे हैं। रेत माफिया दर्जनों हैवी मशीनों,लिफ्टरों का उपयोग कर अवैध उत्खनन कर रहा है। अवैध रुप से निकाली गई रेत को डंफरो , ट्रकों के जरिए न केवल यूपी बल्कि छतरपुर जिले की सीमा से भी निकाला जा रहा है। लेकिन प्रशासन रेत माफिया के रसूख के आगे नतमस्तक है।