उन्होंने कहा कि शहरों में पड़ी शासकीय आइडियल भूमि को चिन्हित करें। ऐसी जमीनों को कॉमर्शियल सेंटर के रूप में बनाने की योजना बनाएं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों के आस-पास सामुदायिक भवन बनाने की योजना बनाएं। इसमें जनभागीदारी व विधायक निधि का उपयोग करें। शालाओं में समग्र स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, संक्रमण नहीं फैले। डेंगू रोग के नियंत्रण के लिए दवाओं का छिड़काव कराए।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नगरपालिका के सीएमओ और जनपदों के सीईओ से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा वापस कर दिए गए 1.5 लाख पीएम आवास प्रदेश के मुख्यमंत्री भारत सरकार से पुन: स्वीकृत कराकर लाए हैं। यह जानकारी निचले स्तर तक पहुंचाए जाये तथा प्रत्येक निकायों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इस आशय के पोस्टर एवं बैनर भी प्रचारित करें। उन्होंने कहा कि पात्र हितग्राहियों को लाभांवित करने के लिए उनके नाम जोडऩे की कार्यवाही सर्वे करते हुए करें।
प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि जिले के नगरीय निकायों की तीन वर्षों की बैलेंस शीट तैयार करें। इसमें प्राप्त राजस्व, अनुदान एवं आय के स्त्रोत की जानकारी तथा राजस्व वसूली, निकायों के पेयजल की स्थिति क्या है। उन्होंने बताया कि शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में 2024 तक एक भी घर या परिवार बिना नल-जल योजना के नहीं रहेगा। बैठक में पूर्व मंत्री ललिता यादव, बीजेपी जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह एवं सीईओ जिला पंचायत एबी सिंह, एडीएम आरडीएस अग्निवंशी, नगरीय निकायों के सीएमओ और जनपद पंचायतों के सीईओ उपस्थित रहे।