छतरपुरPublished: Jun 26, 2019 01:44:08 am
हामिद खान
गुरुपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया, शाम 4.31 तक ही होगा पूजन, 16 जुलाई को 2.59 घंटे का होगा खग्रास चंद्रग्रहणपिछले वर्ष 27 जुलाई को भी गुरुपूर्णिमा पर था चंद्रग्रहण
Lunar eclipse will occur in these zodiac signs in July
छतरपुर. इस वर्ष लगातार दूसरे वर्ष गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया पड़ रहा है। गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई को खग्रास चंद्रग्रहण रहेगा। 2018 में आषाढ़ी पूर्णिमा पर 27 जुलाई को खग्रास चंद्र ग्रहण था। ज्योतिषियों के मुताबिक बीते साल 27 जुलाई की रात 11.54 बजे खग्रास चंद्रग्रहण शुरू हुआ, जिसका सूतक 27 जुलाई दोपहर 2.54 से शुरू हुआ था। गुरु पर्व पर संयोग से इस बार भी खग्रास चंद्रग्रहण पड़ रहा है। 16-17 जुलाई की दरमियानी रात ग्रहण का स्पर्श 1.31 बजे होगा। ग्रहण का मोक्ष 4.30 बजे होगा। ग्रहण का पर्व काल 2 घंटे 59 मिनट तक रहेगा। इसका सूतक 16 जुलाई शाम 4.31 बजे से शुरू होगा। इस वजह से गुरु पूर्णिमा पर्व 4.31 बजे तक मनाया जाएगा। इसके चलते गुरु पूजन भी 4.31 बजे तक हो सकेगा।
ग्रहों की बन रही 2 युति
इस बार आषाढ़ी पूर्णिमा 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ग्रह गोचर के मुताबिक इस दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। पंडित एमएल पाठक के अनुसार उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित होगी। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र,केतु, शनि की त्रिग्रही युति के साथ हो रहा है। यही नहीं इसका समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रहा है। ग्रहों की दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीडि़त हैं।
राशियों पर भी पड़ेगा असर
चंद्र ग्रहण राशियों पर भी प्रभाव पड़ता है। पंडित गुलाब रावत ने बताया कि, हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के बाद स्नान ध्यान और दान पुण्य किया जाता है। चंद्र ग्रहण घटित होने के बाद सरोवर में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। वहीं गेहूं, चावल, दाल, गुड़ चना, वस्त्र, आभूषण जैसी चीजों का दान करने से जीवन में खुशहाली आती है। पंडित श्याम बिहारी चौबे के अनुसार चंद्र ग्रहण का प्रभाव मानव जीवन के साथ-साथ शासन व्यवस्था पर भी देखा जाता है। चंद्र ग्रहण का किसी राज्य या देश की शासन प्रणाली में परिवर्तन देता है। कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली में बदलाव होता है। इसके अलावा वातावरण में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।
यह रहेगा समय
स्पर्श रात 1.31 बजे
मध्य रात 3 बजे
मोक्ष रात 4.30 बजे
सूतक शाम 4.31 बजे