छतरपुर

बारिश होने से कई गांवों का शहर और नगर से टूट जाता है सम्पर्क

– रोजमर्रा की जरूरतों के लिए करनी पड़ती है जद्दोजहद

छतरपुरSep 05, 2018 / 01:20 pm

rafi ahmad Siddqui

chhatarpur

उन्नत पचौरी छतरपुर। शासन और नेताओं द्वारा जिले के कौने कौने में विकास कार्य कराने के दावे किए जा रहे है और नई नई योजनाओं का दिलाने की बातें की जा रही है। लेकिन राजनेता और शासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इनके द्वारा जिले में समर्ग विकास नहीं किया गया है। अभी जिले के जनपद पंचायत क्षेत्रों में दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां पर अभी भी शासन द्वारा ग्रामीणों के आवागमन के लिए कोई बेहतर इंजजाम नहीं किए हैं। जिससे बारिष के होने से कई गांवों का शहर और नगर से सम्पर्क टूट जाता है और वहां के रहने वालों को भारी परेसानी का सामना करना पड़ता है। वहीं ऐसे गांव के लोगों द्वारा कई वर्षों से अधिकरियों दर दर चक्कर लगा रहे हैं और गांव में सम्पर्क मार्ग बनाने और पुल आदि की गुहान लगाते हैं लेकिन सभी अधिकारी एक दूसरे विभाग का काम होने का बहाना कर भगा देते हैं। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को बारिष के मौसम में करना पड़ता है। एक ही कुछ मामले जिला ेक अलग अलग क्षेत्रों से आए हैं जहां पर सम्पर्क मार्ग न होने से लोगों को न तो इलाज मिला पा रहा है और न ही खाने पीने की वस्तू मिल पा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा जिले के कौने में विकास कराने का दावा किया जा रहा है और मामूली विकास कार्य कराने के बाद उसका ढिढ़ोंरा पूरे प्रदेश में जाता है। लेकिन विकास की जमीनी हकीकत पूरी तरह से उलट है। जिले के अधिकांस क्षेत्र अभी भी विकास की पहुंच से कोसों दूरी हैं। वहां पर नाम मात्र का विकास कार्य किए गए हैं। हालाकि ऐसे स्थानों में अधिकारियों और उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का जरूर विकास हुआ है। लेकिन आम जनता या तो विकास न होने से शहरों की ओर रुख करने हैं या फिर अपने गांव मोहल्ले में विकास होने की उम्मीद लिए दलदल में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में आजादी के सात दशकों के बाद भी मूलभूत जरूरतों के अभाव में जिंदगी जीने के लिए ग्रामीणों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। यहां पर मानव जीवन के विकास के लिए आवश्यक मूलभूत जरूरतें शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य की सुविधाओं से अभी भी प्रदेश का बड़ा हिस्सा वंचित है।

ेकेस-१
बडामलहरा क्षैत्र के ग्राम पंचायत सूरजपुरा खुर्द स्थित रानीखेरा गांव के करीब एक दर्जन लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीडि़त है लेकिन लगातार बारिस होने से श्यामरी नदी ने ग्रामीणों की राह रोक ली है। ऐसी हालत में मरीज इलाज कराने के लिए बडामलहरा मुख्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे थेे और न स्वास्थ्य विभाग की सेवाऐं गांव तक पहुंच पा रही थी।
केस- २
जिले के जनपद पंचायत गौरिहार की समीपी किशनपुर ग्राम पंचायत के मजरा जरैला गांव में रहवासी कई वर्षों से ऐसे ही बदतर हालातों में अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। एक ओर जहां मानव जीवन के कदम 21 वीं सदी की ओर बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर देश की अधिकांश आबादी को मूलभूत जरूरतें नसीब नहीं हो पा रहीं हैं। गौरिहार से महज 10 किमी की दूरी पर स्थित जरैला के रहवाशियों के लिए बारिश का मौसम बड़ी भारी आफत जैसा बन जाता है। बारिश के मौसम में सड़क के अभाव में टापू जैसे हालात हो जाने से यहां के रहवासियों को आजादी पूर्व के हालातों की यादें ताजा हो जाती हैं। यहां के लोगों का सम्पर्क पड़ोसी गांवों ठकुर्रा, टेढ़ी, चुरयारी, सरवई, किशनपुर, कितपुरा, हनूखेड़ा, पवईथर सहित गौरिहार सम्पर्क टूट जाता है।

इन गांव का टूट जाता है सम्पर्क

– जनपद पंचायत छतरपुर के ईशानगर क्षेत्र में दिदोल, गौंडा सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांव के रास्तों में पानी का अधिक भराव होने से गांव के लोगों को शहर तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
– जनपद पंचायत गौरिहार के बेरी, गहरा, वन्न, कंचनपुर, हाजीपुर, बुलारा, रेवना, शीलप, खामनखेडा, मजरा जरेला सहित करीब दो दर्जन से अधिक गांव के रास्तों में जलभराब होने से लोगों का आवागमन भारी कष्टमय हो जाता है।
– जनपद पंचायत बडामलहरा क्षेत्र के भनगुवां, राजघाट, पिपरिया, बिनैदा, रानीताल सहित एक दर्जन से अधिक गांव का सम्पर्क नगर और शहर से टूट जाता है ऐसे में वहां के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ रोजमर्रा की जरूरतों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

– जनपद पंचायत बकस्वाहा क्षेत्र के अंजर्गत मुख्यालय से मात्र तीन किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम जैतूनुरा, सुनवाहा, बम्हौरी आधा दर्जन गांव में जलभराव होने शहर के लिए आवागमन खासा प्रभावित हो रहा है।

– जनपद पंचायत नौगांव चपरन गांव में अभी तक शासन द्वारा सड़क मार्ग नहीं बनवाया गया है ऐसे में लोगों को खेतों से होकर आना जाना पड़ता है और बारिष होने पर ग्रामीणों को रेलवे पटरी ेक किनारे से होकर आवागमन करना पड़ता है जो खतरे से खालना नहीं होता है।
– जनपद पंचायत लवकुशनगर क्षेत्र के दिदवारा, रजपुरवा टहनगा, गुधौरा, हर्रई के ग्रामीणों को मार्ग में जलभराब होने से परेसानी का सामना करना पड़ता है।


– जनपद पंचायत बिजावर क्षेत्र के टपरियन, अमरपुरा आदि गांव के मार्गों में जलभराव हो गया है जिससे वहां लोगों को भारी मशक्कत करना पड़ रही है।
इनका कहना है
कहीं पर भी सड़क बनाने का कार्य शासन की विभिन्न विभागों के पास होता है। हम अपने मन से कहीं भी सड़क नहीं बना सकता हैं। ऐसे में ग्र्रामीणों खुद या फिर जनप्रतिधी, विधायक के मापध्यम से प्रस्ताव भेजें सकते हैं। वह प्रस्ताव तैयार कर हमारी ओर से शासन भेजी जाएगी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद कार्य कराया जाएगा।
प्रमोद श्रीवास्तव ईई पीड्ब्लूडी छतरपुर

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