केन नदी और श्यामरी नदी के तट पर बसे ग्राम खरयानी के लोग बताते हैं कि पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित उनके गांव तक आवागमन हेतु घने जंगलों के रास्ते से सफर करना होता है। साल के चार माह गांव तक वाहन जाते हैं, बाकी के आठ माह नाव के सहारे आवागमन होता है। गांव के अमित मिश्रा छतरपुर में बस गए और बताते है कि आज भी उनका गांव विकास से कोसों दूर है। जिस कारण से गांव में विवाह नहीं होते और गांव में कुंवारे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। गांव में सड़क, शुद्ध पेयजल और स्वास्थ जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। इसलिए लोग इस गांव में अपनी बेटियां नहीं देना चाहते हैं।
पहले पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा इस गांव का विस्थापन किया जाना था लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सका। अब यह गांव केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत विस्थापित किया जाना है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन्हें मुआवजा राशि मिलेगी तो वे किसी अच्छे और सुगम स्थान पर अपना आशियाना बनाएंगे। खरियानी के ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने के लिए बमीठा तक आना होता है। ऐसे में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर गंगऊ बांध के कच्चे रास्ते से करीब 35 किलोमीटर का सफर तय कर बमीठा पहुंचते हैं। लेकिन अब किसी सुगम जगह बस जाएंगे तो जिंदगी भी बदल जाएगी।
पन्नाा नेशनल पार्क में केन-श्यामरी नदी के पास बसे पलकोंहा और ढ़ोढऩ गांव के लोग दो-दो नदियों के किनारे रहकर भी प्यासे हैं। ये लोग पानी के नाम पर दूषित पानी पी रहे हैं। दरअसल नदी की पतली धारा में मवेशी नहाते हैं और नदी में बहकर आने वाले मृत मवेशियों के शव भी पानी को प्रदूषित करते हैं। इन दोनों गावों में मार्च से जुलाई माह तक जलस्तर इतना ज्यादा गिर जाता है कि गांव के कुएं सूख जाते हैं। तब नदी का पानी पीना ही गांव के लोगों की मजबूरी बन जाता है, भले ही वह गंदा और बदबूदार हो। गांव की महिलाएं और बच्चे सुबह घर के काम निपटाकर लंबी दूरी तय करके नदी की पतली धारा से लोटे के सहारे गंदा पानी भरकर घर लाते हैं, फिर छानकर पीते हैं। साल में छह माह तक पानी की परेशानी के कारण इस गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी करने को तैयार नहीं होते हैं, जिससे इन गावों में भी कुंवारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना में अब पलकोंहा, ढ़ोढऩ, खरियानी गांव को विस्थापन करने की प्रक्रिया जारी है। नए स्थान पर सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
राहुल सिलाडिया, एसडीएम, बिजावर फोटो- सीएचपी200522-71-खरियानी गांव
सीएचपी 200522-72- खरयानी गांव का रास्ता
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गो तस्करी में ट्रक जब्त, 19 नग गोवंश मुक्त कराए, आरोपियों को तलाश रही पुलिस
छतरपुर। गौरिहार पुलिस ने गो तस्करी करते हुए एक ट्रक को जब्त किया है। ट्रक से 17 नगर गोवंश मुक्त कराए गए हैं। ट्रक के जरिए गोवंश को उत्तरप्रदेश ले जाया जा रहा था। पुलिस
गौरिहार थाना प्रभारी पुष्पेंद्र मिश्रा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि सिसोलर तालाब के पास ट्रक में गोवंश को लादकर मध्यप्रदेश से उत्तरप्रदेश के बांदा के रास्ते कत्ल खाने ले जा रहा है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दबिश दी। 2 आरोपी पुलिस को देख भाग खड़े हो गए। पुलिस ने ट्रक क्रमांक 19 एचए को जब्त कर तलाशी ली तो उसके अंदर 19 गोवंश मिले। गोवंश को चितहरी गोशाला में रखवाया गया है। वहीं, अज्ञात वाहन मालिक और चालक के विरुद्ध मध्य प्रदेश गौवंश अधिनियम व पशु क्रूरता अधिनियम व प्रदेश कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम समेत मोटर व्हीकल एक्ट का केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।