अब होगा निर्माण कंपनी के साथ अनुबंध
पीआइयू के इइ मयंक शुक्ला का कहना है कि 30 दिसम्बर को जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर को निर्माण के लिए आशय पत्र सौंप दिया गया है। अब पीआइयू और जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच अनुबंध होगा। उसके बद कंपनी जमीन की भौगोलिक स्थिति को नापकर अपनी मशीनरी के साथ निर्माण कार्य शुरू करेगी। कंपनी के द्वारा किए जाने वाले कार्य की देखरेख के लिए पीआइयू के द्वारा एक आर्किटेक्चरल डिजाईन एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेन्सी सर्विस के लिए कंपनी खोजी जा रही है। इसके लिए भी 5 जनवरी को टेंडर खोला जाएगा।
पीआइयू के इइ मयंक शुक्ला का कहना है कि 30 दिसम्बर को जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर को निर्माण के लिए आशय पत्र सौंप दिया गया है। अब पीआइयू और जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच अनुबंध होगा। उसके बद कंपनी जमीन की भौगोलिक स्थिति को नापकर अपनी मशीनरी के साथ निर्माण कार्य शुरू करेगी। कंपनी के द्वारा किए जाने वाले कार्य की देखरेख के लिए पीआइयू के द्वारा एक आर्किटेक्चरल डिजाईन एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेन्सी सर्विस के लिए कंपनी खोजी जा रही है। इसके लिए भी 5 जनवरी को टेंडर खोला जाएगा।
कक्षा, आवास, कैंटीन समेत होंगी सभी सुविधाएं
220 करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज को 100 विद्यार्थियों के अनुरूप निर्मित किया जा रहा है। प्रस्तावित स्थल पर ग्राउण्ड फ्लोर सहित तीन मंजिला इमारत बनेगी जिसमें कॉलेज संचालित होगा। इसके अलावा पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए गल्र्स और बॉयस दो हॉस्टल बनाए जाएंगे। दो इंटर्नी हॉस्टल भी निर्मित होंगे। योजना के अंतर्गत एक स्पोटर््स कॉम्पलेक्स, स्टाफ क्वार्टर्स, डीन बंगला, मेस कैंटीन और कामर्शियल कॉम्पलेक्स भी परिसर में ही बनाया जाएगा। निर्माण करने वाली कंपनी को इसी टेंडर के अनुरूप डे्रनेज बाउण्ड्री और गेस्ट हाउस निर्माण का काम भी करना होगा। निर्माण की पूरी अवधि दो वर्ष की रहेगी। मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए जेपी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड गुजरात, सोम इन्फ्रा लिमिटेड दिल्ली, इंजीनियर्स इंडिया दिल्ली सहित गुजरात की एक अन्य कंपनी दौड़ में थी लेकिन 18 प्रतिशत ब्लो टेंडर होने के कारण जेपी इन्फ्रा को यह काम सौंपा गया है।
220 करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज को 100 विद्यार्थियों के अनुरूप निर्मित किया जा रहा है। प्रस्तावित स्थल पर ग्राउण्ड फ्लोर सहित तीन मंजिला इमारत बनेगी जिसमें कॉलेज संचालित होगा। इसके अलावा पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए गल्र्स और बॉयस दो हॉस्टल बनाए जाएंगे। दो इंटर्नी हॉस्टल भी निर्मित होंगे। योजना के अंतर्गत एक स्पोटर््स कॉम्पलेक्स, स्टाफ क्वार्टर्स, डीन बंगला, मेस कैंटीन और कामर्शियल कॉम्पलेक्स भी परिसर में ही बनाया जाएगा। निर्माण करने वाली कंपनी को इसी टेंडर के अनुरूप डे्रनेज बाउण्ड्री और गेस्ट हाउस निर्माण का काम भी करना होगा। निर्माण की पूरी अवधि दो वर्ष की रहेगी। मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए जेपी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड गुजरात, सोम इन्फ्रा लिमिटेड दिल्ली, इंजीनियर्स इंडिया दिल्ली सहित गुजरात की एक अन्य कंपनी दौड़ में थी लेकिन 18 प्रतिशत ब्लो टेंडर होने के कारण जेपी इन्फ्रा को यह काम सौंपा गया है।
कॉलेज के लिए तीन साल चला था आंदोलन
छतरपुर समेत आसपास के जिले के लोगों के लिए मेडिकल हब बन चुके छतरपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर जनता ने दो चरणों में बड़े आंदोलन किए। आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों के नेता, समाजिक कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक, व्यापारी, नौकरी पेशा समेत सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। प्रदर्शन किए गए, धरने पर बैठे, मानव श्रंखला बनाई गई, कैंडल मार्च निकाला गया, हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। यहां तक कि शहर बंद रखा गया। पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी इसी तरह से आंदोलन किया गया। वर्ष 2015 से 2018 तक लगभग सौ से ज्यादा प्रदर्शन आम जनता के द्वारा किए गए थे।
छतरपुर समेत आसपास के जिले के लोगों के लिए मेडिकल हब बन चुके छतरपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर जनता ने दो चरणों में बड़े आंदोलन किए। आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों के नेता, समाजिक कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक, व्यापारी, नौकरी पेशा समेत सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। प्रदर्शन किए गए, धरने पर बैठे, मानव श्रंखला बनाई गई, कैंडल मार्च निकाला गया, हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। यहां तक कि शहर बंद रखा गया। पहले चरण की तरह ही दूसरे चरण में भी इसी तरह से आंदोलन किया गया। वर्ष 2015 से 2018 तक लगभग सौ से ज्यादा प्रदर्शन आम जनता के द्वारा किए गए थे।