छतरपुरPublished: Jun 03, 2020 04:46:14 pm
Sanket Shrivastava
बाहर से लौटे प्रवासियों ने जल संरक्षण की ओर बढ़ाए कदम, कर रहे श्रमदान
Migrant laborers are getting work in MNREGA
घुवारा. कोरोना संक्रमण से उपजे संकट से क्षेत्र के जो प्रवासी बाहर से लौटे घरों मे बैठे हुए हैं। ऐसे हालात में उन्हें रोजगार के लिए प्रशासन द्वारा जल संरक्षण की पर कार्य किया जा रहा है।
जल संरक्षण के लिए तालाब गहरीकरण, छोटे छोटे जल स्त्रोत व पहाडिय़ों पर टेंच, नालों पर अभी से पानी को रोकने के लिए साधन कर रहे हैं और वह जल संरक्षण को ही एकमात्र सहारा मान रहे हैं। जिससे भविष्य में भरपूर खेती कर सकें वैसे ही गर्मियों के दिन जल संकट काफी बढ़ जाता है और लोगों को पीने के पानी की समस्याएं देखने को मिलती है। वहीं दूसरी ओर बरसात के पानी को जमा करने के लिए बाहर से लौटे प्रवासी व गांव की पानी पंचायत समितियों ने प्रण लिया है कि अगर अभी से तालाबों का गहरीकरण और जल भराव क्षमता को और बढ़ाने के लिए छोटी छोटी जल संरचनाओं का गहरीकरण कर श्रमदान कार्य जारी है। उन्होंने यह सोच लिया है कि यदि ऐसे हालात मैं बाहर तो मजदूरी के लिए जा नहीं पाएंगे। अगर अभी से जल संरक्षण का काम करें तो बरसात का पानी इकत्र करके खेती कर सकेंगे। जिससे बच्चों का पालन पोषण हो सकेगा व पलायन के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। इसलिए जल संरक्षण के कार्य को महत्व देते हुए प्रवासी मजदूर व पानी पंचायत समितियां सभी मिलकर जल संरक्षण श्रमदान में लगे हुए हैं। इस दौरान बरेठी कुंअरपुरा, झिरियाझोर, भौयरा, अगरौठा, चौधरीखेरा व क्षेत्र के कई गांव में श्रमदान कार्य चल रहा है।
वहीं दूसरी ओर गरीब लोगों को परमार्थ समाज सेवी संस्थान व जल जन जोड़ो अभियान के द्वारा यह कार्य किए जा रहे हैं। यह कार्य राज्य संयोजक मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में व जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. संजय सिंह के निर्देशन में किया जा रहा है। जिसमें क्षेत्रीय कार्यकर्ता धनीराम रैकवार जिला समन्वयक व युवा समाजसेवी जितेंद्र सिंह क्लस्टर कोऑर्डिनेटर लगातार मेहनत कर जल संरक्षण के कार्य को देख रहे हैं और सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए प्रवासी मजदूरों को खाद्य सामग्री भी वितरित की जा रही है।